डलहौज़ी हलचल (चंबा) : भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ नेता त्रिलोक कपूर को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में चयनित किया जाना राज्य के अनुसूचित जनजातीय समुदाय के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। यह बात भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल ढकोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही।
तीन दशकों की जनसेवा और नेतृत्व की मान्यता
अनिल ढकोग ने कहा कि त्रिलोक कपूर ने अपने 30 वर्षों से अधिक के राजनीतिक जीवन में न केवल पार्टी संगठन को मजबूत किया, बल्कि सामाजिक सरोकारों विशेषकर जनजातीय समाज के हितों की भी प्रभावी रूप से पैरवी की है। उन्होंने बताया कि कपूर जी ने जनजातीय जीवन की जमीनी समस्याओं को समझते हुए हमेशा समावेशी नीति को प्राथमिकता दी।

भेड़पालक समुदाय के लिए मजबूत आवाज बने
वूल फेडरेशन के अध्यक्ष रहते हुए त्रिलोक कपूर ने प्रदेश के भेड़पालकों की समस्याओं को नजदीक से समझा और कार्यable समाधान प्रस्तुत किए। किन्नौर, भरमौर, डोडरा-क्वार और चंबा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत पशुपालक आज भी उन्हें एक सशक्त प्रतिनिधि और जनजातीय हितैषी नेता के रूप में याद करते हैं।
संगठनात्मक दायित्व में ऐतिहासिक उपलब्धि
ढकोग ने कहा कि यह पहली बार है जब भाजपा प्रदेश संगठन में किसी जनजातीय नेता को प्रदेश महामंत्री जैसे अहम पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। त्रिलोक कपूर ने इस चुनौती को मूल्य आधारित कार्यशैली, समयबद्ध क्रियान्वयन और स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ निभाया है। पार्टी ने उनके समर्पण को पहचानते हुए अब उन्हें राष्ट्रीय परिषद में प्रतिनिधित्व देकर जनजातीय समाज को गौरवान्वित किया है।
समर्पण और कार्यकुशलता का मिला पुरस्कार
उन्होंने कहा कि त्रिलोक कपूर का यह चयन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के अनुसूचित जनजातीय समाज के लिए एक नयी पहचान और प्रेरणा का अवसर भी है। इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी जनजातीय समुदाय के योगदान को न केवल मान्यता देती है, बल्कि संगठनात्मक भूमिका में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है।