डलहौज़ी हलचल (हमीरपुर) रांगडा़ जी : प्राचीन शिव मंदिर भड़मेली में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं ने कथा वाचक आचार्य पंकज कुमार शर्मा द्वारा भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की अमृत वर्षा का रसपान किया। इस अवसर पर सुंदर-सुंदर झांकियों ने भक्तों का मन मोह लिया।
कथा का शुभारंभ और दिव्य महारास लीला का वर्णन
कथा का शुभारंभ गणेश वंदना और कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर विधि-विधान से किया गया। छठे दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का विशेष वर्णन किया गया। आचार्य पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पधारे थे।
मथुरा गमन प्रसंग और रुक्मिणी विवाह
कथा के दौरान मथुरा गमन प्रसंग का वर्णन हुआ, जिसमें अक्रूर जी भगवान श्रीकृष्ण को मथुरा ले जाने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे, तो समस्त ब्रज की गोपियां उनके रथ के आगे खड़ी हो गईं और भावुक होकर कहने लगीं, “कन्हैया, जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हमसे प्रेम क्यों किया?”
इसके बाद श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह उत्सव की मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने सभी श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। सभी भक्तजनों ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी के विवाह का आनंद लिया।
समापन और भंडारे की जानकारी
मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन पूर्ण होगा, जिसके बाद हवन-पूजन और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में शिव मंदिर के पुजारी पूजनीय संत शिव गिरी महाराज, मुख्य अतिथि मंगल गिरी महाराज, कमेटी सदस्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।