डलहौज़ी हलचल (भरमौर) : हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के ऐतिहासिक भरमौर चौरासी मंदिर में शिव भक्तों के सामूहिक सहयोग से 21 किलो चांदी धातु से बने बासुकी नाग का भव्य स्थापना समारोह आयोजित किया गया। यह बासुकी नाग का चिन्ह मुख्य शिव मंदिर के शिवलिंग पर स्थापित किया गया। इस धार्मिक आयोजन में शिव भक्तों की बड़ी भागीदारी और भावनात्मक जुड़ाव देखने को मिला।
तांबे के बासुकी नाग की जगह अब चांदी का बासुकी नाग
इससे पहले चौरासी मंदिर के मुख्य शिवलिंग पर तांबे धातु का बासुकी नाग स्थापित था। धार्मिक परंपराओं और पूजा अनुष्ठानों के तहत इसे विधिवत तरीके से हटाकर मंदिर परिसर के एक अन्य शिवलिंग पर स्थापित किया गया। चांदी से बने बासुकी नाग के निर्माण में पंजाब, चम्बा, भरमौर और अन्य प्रांतों के भक्तों का आर्थिक और सामाजिक योगदान रहा।

तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन
यह भव्य आयोजन तीन दिनों तक चला, जिसमें विभिन्न धार्मिक गतिविधियां शामिल थीं:
- पहला दिन: पांच विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ बासुकी नाग की स्नान प्रक्रिया।
- दूसरा दिन: चांदी के बासुकी नाग की प्रतिमा को पालकी में रखकर नगर परिक्रमा करवाई गई।
- तीसरा दिन: हवन और पूजन के बाद चांदी के बासुकी नाग को शिवलिंग पर स्थापित किया गया।
विधिवत स्थापना के बाद भक्तों में खुशी
स्थापना समारोह के दौरान मंत्रोच्चार, हवन, कीर्तन और पूजा की गूंज से चौरासी मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। मुख्य आयोजन का नेतृत्व शनिदेव मंदिर के प्रमुख पुजारी सुमन शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में भरमौर के व्यापारी मंडल और स्थानीय शिव भक्तों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की भागीदारी
इस आयोजन में भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज, व्यापार मंडल के प्रमुख और कई अन्य धार्मिक व सामाजिक हस्तियों ने भाग लिया। अन्य प्रमुख उपस्थिति में काकू वर्मा, नरेश बीमा, देश राज शर्मा, कुलदीप ठाकुर, तिलक शर्मा, कालू शर्मा, और बाबा पंचम गिरी जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।
शिव भक्तों के योगदान से हुआ आयोजन
चांदी से बने इस बासुकी नाग की कुल लागत लाखों रुपये में रही, जो शिव भक्तों के सामूहिक योगदान से संभव हुआ। इस ऐतिहासिक स्थापना ने चौरासी मंदिर को एक नई पहचान दी और क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ा दिया है।