डलहौज़ी हलचल (मंडी), 8 अक्तूबर: संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित कला धरोहर कार्यशाला का सफल समापन हुआ। यह कार्यशाला दो दिनों तक राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई थी।
कार्यशाला का संचालन
इस कार्यशाला का संचालन पंडित बिरजू महाराज के सुपुत्र दीपक महाराज ने किया, जो लखनऊ घराने के सुप्रसिद्ध नर्तक हैं। दीपक महाराज ने विद्यार्थियों को कथक की बारीकियां सिखाते हुए अपनी कला की नई ऊँचाई को साझा किया। उन्होंने संत कवि मीरा बाई के भजनों पर आधारित प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने कथक के विभिन्न तत्वों को पेश किया।
छात्राओं की प्रस्तुति
दीपक महाराज ने छात्राओं को तीन ताल, गणेश बंदना, और लयकारी जैसी कथक की विशेषताएँ सिखाईं, जिन्हें छात्राओं ने मंच पर बखूबी प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लखनऊ घराने के कई कोरियोग्राफ किए गए कथक टुकड़ों का भी प्रदर्शन किया, जिसमें प्रमुख रूप से मीरा के भजन और कृष्ण की बाल लीला का बेहतरीन प्रदर्शन शामिल था।
कला धरोहर श्रृंखला का उद्देश्य
जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कला धरोहर श्रृंखला के अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार विजेता और प्रख्यात कलाकार आमंत्रित किए जाते हैं, ताकि छात्रों को विभिन्न प्रदर्शन कला रूपों के विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिल सके। इस संवादात्मक सत्र का उद्देश्य छात्रों की भारतीय संस्कृति की समझ को गहरा बनाना और उन्हें देश की समृद्ध धरोहर को खोजने और सराहने के लिए प्रेरित करना है।
संत मीरा बाई की जयंती
उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार संत मीरा बाई की 525वीं जयंती मना रही है, जिसके उपलक्ष्य में अकादमी ने पूरे भारत में संत मीरा बाई पर केंद्रित कला धरोहर श्रृंखला का आयोजन किया है। इस श्रृंखला की शुरुआत हरियाणा से हुई थी और अब इसे पूरे भारत के सरकारी स्कूलों एवं विश्वविद्यालयों में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है।