डलहौज़ी हलचल (शिमला): हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर से सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत 27 पुलिस मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें से 14 मोटरसाइकिलें कांगड़ा जिला पुलिस और 13 मोटरसाइकिलें मंडी जिला पुलिस को सौंपी जाएंगी। इसके अलावा, शीघ्र ही शिमला, नूरपुर, मंडी और कांगड़ा पुलिस जिलों को 42 चौपहिया वाहन, 14 इंटरसेप्टर वाहन और 10 रेस्क्यू वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।
सड़क सुरक्षा के लिए बड़े स्तर पर निवेश
इन चार प्रमुख पुलिस जिलों के लिए कुल 3,373 सड़क सुरक्षा उपकरणों की खरीद हेतु 90 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। अब तक पुलिस विभाग को 5.71 करोड़ रुपये की लागत से 1,200 से अधिक अत्याधुनिक उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। साथ ही, शिमला में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली की स्थापना के लिए लगभग 60 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह प्रणाली शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों में 450 से अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी कैमरों से जोड़ी जाएगी, जिससे यातायात नियमों की डिजिटल निगरानी और अधिक प्रभावी हो सकेगी।
सड़क सुरक्षा सुधार के लिए व्यापक योजना
राज्य सरकार ने 34.66 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक व्यापक कार्य योजना तैयार की है, जिसके तहत शिमला जिले के 20% असुरक्षित संपर्क मार्गों में सुधार सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए लोक निर्माण विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों का सहयोग लिया जाएगा।

सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान
सात जिलों में ‘गुड सेमेरिटन लॉ’ जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत 300 से अधिक पुलिस एवं होमगार्ड कर्मियों को बुनियादी जीवनरक्षक तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही, 200 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने यातायात सुरक्षा प्रवर्तन और सड़क दुर्घटना जांच तकनीकों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सड़क सुरक्षा मूल्यांकन
हिमाचल प्रदेश में पहली बार लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय सड़क मूल्यांकन कार्यक्रम’ (IRAP) के तहत सर्वेक्षण किया गया है। इस सर्वेक्षण के आधार पर सुरक्षा मानकों के अनुरूप सड़कों का मूल्यांकन किया गया है।
राज्य सरकार ने 3,200 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 10 वर्षीय ‘सुरक्षित सड़क निवेश योजना’ तैयार की है, जिसमें लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को शामिल किया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी
सरकार की नवीन पहलों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। पिछले दो वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं और घायलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48% की कमी आई है। वर्ष 2023 में कुल 2,253 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 2,107 रह गई।
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है। वर्ष 2023 में 892 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 806 रह गई। राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विभिन्न सुधारात्मक उपायों को लागू किया है, जिसके फलस्वरूप सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
समारोह में मौजूद गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।