डलहौज़ी हलचल शिमला, 5 सितंबर
हिमाचल प्रदेश में पिछले पांच दिनों से सैलरी का इंतजार कर रहे लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए आज बड़ी राहत की खबर है। राज्य के करीब ढाई लाख सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) की सैलरी आज उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। वित्तीय संकट से उबरने की कोशिश में जुटी सरकार ने यह फैसला किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu) ने विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान 5 सितंबर को सैलरी जारी करने का ऐलान किया था। हालांकि, करीब दो लाख पेंशनर्स (Pensioners) को उनकी पेंशन के लिए अब 10 सितंबर तक इंतजार करना होगा।
वेतन और पेंशन में देरी का कारण
हिमाचल सरकार इस वक्त गंभीर वित्तीय संकट (Financial Crisis) का सामना कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि कर्ज पर लगने वाला उच्च ब्याज (High Interest) इसका प्रमुख कारण है। सरकार को हर महीने पहली तारीख को सैलरी देने के लिए बाजार से लोन (Loan) लेना पड़ता है, जिस पर 7.5% का ब्याज लगता है। इस ब्याज को बचाने के लिए सरकार ने 5 तारीख को सैलरी और 10 तारीख को पेंशन देने का फैसला किया। इससे हर महीने करीब 3 करोड़ रुपये का ब्याज बचेगा, जो सालभर में 36 करोड़ रुपये की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य को 6 तारीख को केंद्र सरकार से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (Revenue Deficit Grant – RDG) के तहत 520 करोड़ रुपये और केंद्रीय करों से हिस्सेदारी के 740 करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं। सरकार हर महीने सैलरी पर 1200 करोड़ (Salary Expense) और पेंशन पर 800 करोड़ रुपये (Pension Expense) खर्च करती है, जिससे कुल खर्च 2000 करोड़ रुपये हो जाता है। इस परिस्थिति में ब्याज बचाने की रणनीति अपनाई गई है।
अक्टूबर से नियमित सैलरी और पेंशन
मुख्यमंत्री सुक्खू ने वादा किया है कि अक्टूबर से पहली तारीख (First of the Month) को ही सैलरी और पेंशन का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि राज्य के लाभ में चल रहे निगम और बोर्ड (Profitable Corporations and Boards) अपने कर्मचारियों को डीए (Dearness Allowance – DA) और अन्य भत्ते अपने संसाधनों से प्रदान करें।
निगम और बोर्ड भी करेंगे अपने हिसाब से भुगतान
सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है ताकि निगम और बोर्ड अपने वित्तीय संसाधनों (Financial Resources) का बेहतर प्रबंधन कर सकें। राज्य में संचालित लाभकारी निगमों और बोर्डों को निर्देश दिया गया है कि वे महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्ते अपने खर्च से जारी करें। इस रणनीति से सरकार के ऊपर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और राज्य की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में मदद मिलेगी।
भविष्य में सैलरी और पेंशन में नियमितता
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में ट्रेजरी की स्थिति (Treasury Situation) के अनुसार सैलरी और पेंशन दी जाएगी, जिससे किसी भी तरह की वित्तीय बाधा (Financial Hurdles) न आए। सरकार का यह प्रयास रहेगा कि आने वाले समय में कर्मचारियों और पेंशनर्स को समय पर भुगतान (Timely Payment) मिले और राज्य की वित्तीय स्थिति में भी सुधार हो।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत प्रदान करने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं। हालांकि, वित्तीय संकट के चलते सैलरी और पेंशन में थोड़ी देरी हुई है, लेकिन सरकार ने आगामी महीनों में समय पर भुगतान (Timely Payment) सुनिश्चित करने का वादा किया है। इस रणनीति के जरिए सरकार न सिर्फ वित्तीय संकट से निपटने की कोशिश कर रही है, बल्कि कर्मचारियों के हित (Employee Welfare) को भी प्राथमिकता दे रही है।