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जिला चम्बा की उपेक्षा पर आप प्रवक्ता मनीष सरीन ने सुक्खू सरकार को घेरा

Dalhousie Hulchul

डलहौज़ी हलचल (चंबा): हिमाचल प्रदेश सरकार की 16 नवंबर 2024 को शिमला में आयोजित कैबिनेट बैठक में जिला चंबा के लिए कोई भी नई घोषणा न होने पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे चंबा के साथ हो रही “अनदेखी” और “सौतेले व्यवहार” का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह स्थिति अब ना-काबिल-ए-बर्दाश्त हो चुकी है।

चंबा की लगातार अनदेखी पर सवाल उठाए

मनीष सरीन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार भी चंबा के प्रति वही रवैया अपना रही है, जो पूर्व की सरकारों ने अपनाया। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन चंबा के लिए एक भी नई योजना या विकास संबंधी निर्णय नहीं लिया गया।

  • सरीन ने कहा, “प्रदेश का आधा कार्यकाल बीत चुका है, लेकिन अब तक कई कैबिनेट बैठकें और विधानसभा सत्र हो चुके हैं, पर चंबा की कोई भी महत्वपूर्ण जरूरतें नहीं उठाई गईं।”
  • उन्होंने यह भी कहा कि चंबा हमेशा से “आकांक्षी जिले” की श्रेणी में रहा है, और हर बार की तरह इस बार भी सरकार की घोषणाएं हमीरपुर और शिमला जिलों तक सीमित रही, जो कि क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने का साफ संकेत है।

चंबा के संघर्षरत मुद्दे

सरीन ने चंबा जिले के कई प्रमुख मुद्दों का जिक्र किया, जिनका समाधान कैबिनेट बैठक में किया जाना चाहिए था।

  1. पर्यटन उद्योग: चंबा के पर्यटन क्षेत्र की अपार संभावनाओं के बावजूद, सरकार ने इसके विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
  2. शिक्षा ढांचा: जिले के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की कमी और सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।
  3. स्वास्थ्य व्यवस्था: सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी गंभीर समस्या है।
  4. सड़कों का बुरा हाल: सड़क निर्माण और मरम्मत के कामों की धीमी रफ्तार से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग परेशान हैं।
  5. रिक्त पदों पर कोई ध्यान नहीं: सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

स्थानीय नेताओं पर उठाए सवाल

सरीन ने चंबा के स्थानीय नेताओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि इस मुद्दे पर उनका विरोध देखने को नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय नेता अपनी चुप्पी बनाए हुए हैं और चंबा की समस्याओं पर कोई आवाज नहीं उठा रहे।

सरकार से की गई अपील

सरीन ने प्रदेश सरकार से अपील की कि चंबा को भी समदृष्टि से देखा जाए और इसके अधिकारों का हनन न होने दिया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की कि चंबा जिले के विकास के लिए तुरंत योजनाएं बनानी चाहिए।
“चंबा के लिए जो घोषणाएं पहले की गईं थीं, उन पर ठोस कदम उठाए जाएं और यहां के किसानों, बागवानों, युवाओं और अन्य नागरिकों के लिए ज्यादा से ज्यादा योजनाएं बनाई जाएं।”

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