डलहौज़ी हलचल (शिमला)कपिल शर्मा – हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच बढ़ते नशे (चिट्टा) के खतरे को रोकने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जिला सिरमौर के प्रतिनिधिमंडल ने शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप को ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने किया।
युवाओं को बचाने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में नशे की बढ़ती लत और इसके गंभीर सामाजिक प्रभावों पर चिंता जताते हुए सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सिरमौर जिले में युवा वर्ग नशे की चपेट में आ रहा है, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय होने के साथ-साथ अपराध और असामाजिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
एबीवीपी की प्रमुख मांगें
एबीवीपी ने सरकार से नशे के तस्करों और ड्रग माफियाओं के खिलाफ कठोर कानून लागू करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि नशे की चपेट में आए युवाओं का उचित पुनर्वास हो सके। साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं, जिससे युवा पीढ़ी को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया जा सके।
इसके अलावा, एबीवीपी ने युवाओं को खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने पर विशेष बल देने की आवश्यकता जताई, ताकि वे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकें। संगठन ने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस प्रशासन को और अधिक सक्रिय बनाया जाए और नशे की तस्करी के अड्डों पर नियमित रूप से छापेमारी की जाए, जिससे इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
सांसद का आश्वासन
सांसद सुरेश कश्यप ने एबीवीपी के प्रयासों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि वह इस गंभीर विषय को संसद और सरकार के उच्च स्तर पर उठाएंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रशासन, समाज और युवाओं को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर एबीवीपी के जिला संयोजक पारस ठाकुर, निखिल, सन्नी सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित रहे।