डलहौज़ी हलचल (शिमला) : बच्चों को उच्च जीवन मूल्यों को अपनाते हुए समाज में अच्छा कार्य करने वाले व्यक्तियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। बाल्यकाल से ही बच्चों को किसी महान व्यक्तित्व को अपने आदर्श के रूप में चुनना चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खनियारा खास में बाल अधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित एक कैंप की अध्यक्षता करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा ने यह बात कही। कार्यक्रम में बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत करवाया गया तथा सार्थक जीवन जीने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों को ज्ञान, अध्यात्म, शिक्षा, कला, खेल, विज्ञान, सेवा, आदि क्षेत्रों से जुड़े महान व्यक्तित्वों के जीवन के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चे जब ऐसे व्यक्तित्वों को आदर्श के रूप में देखेंगे तो उनका जीवन भी सार्थक होगा और वे देश-समाज के लिए कुछ कर पाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई की रीता शर्मा ने बाल न्याय अधिनियम, 2015 के बारे में जानकारी दी। सखी केंद्र धर्मशाला की प्रशासक निशा भार्गव ने केंद्र द्वारा उपेक्षित महिलाओं के लिए किए जा रहे कार्य के बारे में बताया। महिला पुलिस थाना धर्मशाला से एएसआई कुसुमलता व कांस्टेबल संगीता ने पुलिस सहायता के बारे बच्चों को जागरूक किया। साथ ही उन्होंने शरारती तत्वों से अपनी रक्षा करने के सहज उपायों के बारे में बताया। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकों और बच्चों ने भाग लिया।