AIIMS Bilaspur : डलहौज़ी हलचल : बिलासपुर एम्स के रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने आरएफए एब्लेशन विधि का उपयोग करके ऑस्टियोइड ओस्टियोमा एक सौम्प लेकिन दर्दनाक हड्डी (ट्यूमर), जो आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में होता है का इलाज किया है। इस न्यूनतम आक्रामक और स्टीक उपचार विकल्प से 12 और 16 वर्षीय दो बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है।
एम्स बिलासपुर (AIIMS Bilaspur) में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. करमवीर चंदेल, एमडी, फेलोशिप इंटरवेंशन ने कहा कि ओस्टियोइड ओस्टियोमा का इलाज पहले आर्थोपेडिक सर्जरी से किया जाता था। इसमें हड्डी से ट्यूमर को निकालना या हड्डी के प्रभावित हिस्से को हटाना शामिल था। आज सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार सीटी. निर्देशित रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन है। यह कम आक्रामक तरीका है।
डॉ. करमवीर चंदेल ने बताया कि आरएफ लक्षित ट्यूमर को गर्म करने और नष्ट करने के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी तरंग ऊर्जा का उपयोग करता है। इस सटीक और नियंत्रित विधि में स्केलपेल या किसी सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। इससे संक्रमण और हड्डी के फ्रेक्चर जैसी जटिलताओं का खतरा काफी कम हो जाता है। यह एक तेज उपचार विकल्प भी है, जिसकी कुल प्रक्रिया में एक घंटे या उससे कम समय लगता है। इस आरएफए एब्लेशन विधि का उपयोग कई प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। यह सफलता एम्स बिलासपुर के रेडियोलॉजी विभागों में इमेज गाइडेड मिनिमली इनवेसिव चिकित्सीय उपचारों में नवीनतम है। विभाग का नेतृत्व डॉ. नरवीर सिंह चौहान कर रहे हैं।
डॉ. नरवीर सिंह चौहान ने कहा कि ट्यूमर के अधिक सटीक, कम आक्रामक और दर्द रहित उपचार के लिए विभाग में ऑस्टियोइड ओस्टियोमा के एब्लेशन का उपयोग हमारे मिशन का एक आदर्श उदाहरण है। विशेषज्ञों की हमारी अग्रणी टीम विभिन्न ठोस ट्यूमर को नष्ट करने की न्यूनतम आक्रामक तकनीक के रूप में एलेशन थेरेपी का उपयोग भी प्रदान कर रही है। इसके अलावा डॉ. वरुण बंसल रेडियोलॉजी और डॉ. लोकेश राणा रेडियोलोजी, डॉ. विजय लक्ष्मी एनेस्थीसिया, रेडियोलॉजिकल तकनीशियन अभिनव शर्मा और नर्सिंग अधिकारी सुमन भी टीम का हिस्सा थे। साथ ही एनेस्थीसिया विभाग और ऑर्थोपेडिक्स विभाग से भी काफी मदद मिली।
उन्होंने कहा कि रेडियोलॉजी विभाग एम्स (AIIMS Bilaspur) में मंगलवार और वीरवार को अपनी तरह की पहली इंटरवेशन रेडियोलॉजी ओपीडी है। जिन मरीजों को ट्यूमर के लिए किसी भी प्रकार की एलेशन थेरैपी की आवश्यकता होती है, वे इन दिनों ओपीडी में आ सकते हैं और उन्हें इसके लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।