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अनुसूचित जाति वर्ग की मांगों को लेकर अम्बेडकर मिशन सोसाइटी चम्बा ने आयोग को सौंपा मांगपत्र

Dalhousie Hulchul
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डलहौज़ी हलचल (चंबा) भूषण गुरंग – अनुसूचित जाति वर्ग की लंबित मांगों और बैकलॉग पदों को भरने के मुद्दे को लेकर अम्बेडकर मिशन सोसाइटी चम्बा का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य विजय डोगरा से उनके चम्बा प्रवास के दौरान मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सोसाइटी के अध्यक्ष योगेश्वर अहीर ने किया। इस दौरान सोसाइटी ने बैकलॉग पदों की स्थिति और एससी/एसटी उपयोजना अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर एक मांगपत्र भी सौंपा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए सोसाइटी के महासचिव अनूप राही ने बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए निर्धारित अनेक पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं, जिन्हें अब तक भरा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि इन बैकलॉग पदों की स्थिति श्रेणीबद्ध रूप में सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि योग्य उम्मीदवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें।

केवल 4% बजट का आवंटन, वह भी नहीं हो रहा खर्च

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति उपयोजना का अनुपालन केवल औपचारिकता बनकर रह गया है। संविधान में तय प्रावधानों के अनुसार जहां अनुसूचित जाति समुदाय की आबादी के अनुपात में 33% बजट आवंटन का प्रावधान है, वहीं वास्तविकता में राज्य सरकार केवल 4% बजट ही इस मद में आवंटित कर रही है। हैरानी की बात यह है कि यह 4% बजट भी अन्य योजनाओं में उपयोग किया जा रहा है, जिससे अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के विकास की गति बाधित हो रही है।

अधिनियम लागू करने की मांग

राही ने कहा कि पिछले दो वर्षों से एक राज्य स्तरीय गठबंधन समिति इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

अतः अम्बेडकर मिशन सोसाइटी चम्बा ने अनुसूचित जाति आयोग से मांग की है कि:

  1. राज्य के सभी विभागों में अनुसूचित जाति वर्ग के रिक्त बैकलॉग पदों की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
  2. इन रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जाए।
  3. एससी/एसटी उपयोजना अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और वास्तविक लाभ लाभार्थियों तक पहुँचाया जाए।
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