Apna Vidyalaya : डलहौज़ी हलचल (शिमला) : समाज के समावेशी विकास में मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका है। छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए मजबूत शैक्षणिक अधोसंरचना का निर्माण भी बेहद आवश्यक है। इसी उद्देश्य के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए निरंतर अभिनव पहल की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने जन प्रतिनिधियों व कुशल पेशेवरों की साझेदारी से सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘अपना विद्यालयः द हिमाचल स्कूल एडॉप्शन’ (Apna Vidyalaya: The Himachal School Adoption) कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसके तहत प्रदेशवासियों को राजकीय पाठशालाओं को गोद लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वह शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने में अपना योगदान दे पाएंगे।
कार्यक्रम के तहत ‘मेरा स्कूल-मेरा गौरव’ अभियान प्रदेशवासियों एवं संस्थाओं को अपनी पसंद का स्कूल गोद लेने को प्रेरित करेगा। इन स्कूलों में वे छात्रों को सामाजिक सहायता कार्यों से जोड़ने और उनके लिए कैरियर परामर्श, विभिन्न परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त या विशेष कक्षाएं लेने, योग प्रशिक्षण सहित विभिन्न स्तर पर मार्गदर्शन प्रदान कर सकेंगे।
‘समाज को लौटाने’ की इस पहल के माध्यम से राजकीय पाठशालाओं के लिए शैक्षिक सहायता टीम और गैर-शैक्षिक सहायता टीम स्थापित की जाएंगी। यह टीम भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव स्थापित करने में बिना किसी वित्तीय या अन्य लाभ के सरकार का सहयोग करेगी। सेवानिवृत्त शिक्षक या कर्मचारियों, पेशेवरों, गृहणियों और समाज के अन्य व्यक्तियों को इन टीमों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। शैक्षिक सहायता टीम में शामिल लोग पाठशालाओं में शिक्षकों की कमी या अध्यापकों के अवकाश पर होने के चलते छात्रों को पढ़ाएंगे। साथ ही उनका कैरियर परामर्श और मार्गदर्शन भी करेंगे।
वहीं गैर-शैक्षिक टीम छात्रों को खेल, कौशल, कला, चित्रकारी, संगीत, नाट्य और नृत्य आदि में रूचि अनुसार प्रशिक्षण देंगे। इसके अलावा वह स्कूलों में अधोसंरचना निर्माण के लिए वित्तीय सहयोग, उत्कृष्ट छात्रों को छात्रवृत्ति, विभिन्न कार्यक्रमों के प्रायोजन और मिड-डे मील कार्यक्रम में भी योगदान दे सकते हैं। इस तरह की प्रणाली के लिए स्कूलों में उपयुक्त निरीक्षण व्यवस्था स्थापित की जाएगी, जिसमें सम्बंधित स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा गणमान्य व्यक्तियों से भी प्रदेश में कहीं भी उनकी पसंद का कम से कम एक सरकारी स्कूल गोद लेकर उसका संरक्षक (पैट्रन) बनने का अनुरोध किया जाएगा। इनमें प्रदेश से चुने गए लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद, सभी विधायक, श्रेणी-एक व दो के राजपत्रित अधिकारी, जैसे उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, वन मण्डलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपमण्डलाधिकारी (ना.), खण्ड विकास अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक इत्यादि शामिल हैं। यह कम से कम एक स्कूल गोद लेकर उसके संरक्षक बनेंगे। यह संरक्षक अध्यापकों और स्कूल प्रबंधन समिति को स्कूलों में वांछित सुधार के लिए सुझाव प्रस्तुत करेंगे।
इसी प्रकार सचिवालय व निदेशालय में सेवाएं दे रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी, उप-निदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के समन्वयक, प्रधानाचार्य, राज्य शिक्षा परिषद अनुसंधान और प्रशिक्षण और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी भी एक-एक स्कूल गोद लेंगे और इसके प्रतिपालक (मेंटर) होंगे।
‘अपना विद्यालय कार्यक्रम’ (Apna Vidyalaya) के लिए समग्र शिक्षा अभियान द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहेगा ताकि जनता के प्रति जबावदेही सुनिश्चित की जा सके। इस पोर्टल से ऑनलाइन व वास्तविक समय में आकलन, निगरानी और सुधारात्मक कार्रवाई की सुविधा मिलेगी।
इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण घटक ‘व्यवस्थित किशोर प्रबंधन एवं मूल्यवर्द्धन संवाद’ है, जिसके तहत विभिन्न विभाग मिलकर स्कूली छात्रों का व्यक्तिगत विकास व सशक्तिकरण करेंगे। इसमें नैतिक मूल्यों को बढ़ावा, अनुभव साझा करना, नशा निवारण एवं रोकथाम के प्रति जागरूकता, महिला सशक्तिकरण संबंधी योजनाएं, पोषण और कानूनी ज्ञान आदि शामिल हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को राज्य एवं जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
राजकीय पाठशालाओं को गोद लेने की यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश भर में गुणात्मक शिक्षा तंत्र स्थापित के उद्देश्य से की गई है। भारत में सरकारी शिक्षा प्रणाली का एक विस्तृत नेटवर्क है, जिसके तहत देश भर के 68 प्रतिशत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है। हिमाचल में भी 55 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अपना विद्यालय कार्यक्रम (Apna Vidyalaya) के तहत सामाजिक सहभागिता से सरकारी स्कूलों में निश्चित ही आशातीत सुधार देखने को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार ‘व्यवस्था परिवर्तन’ की भावना के साथ कार्य कर रही है। अपना विद्यालय (Apna Vidyalaya)कार्यक्रम सामाजिक दायित्व के निर्वहन में तो सहायक होगा ही, इसमें जन सहयोग से शिक्षा क्षेत्र में भी सतत सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा।