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बादल फटने के बाद मददगार बने अश्वनी कुमार, हर कोई कर रहा है उनके जज्बे को सलाम

Dalhousie Hulchul
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तेरंग की आपदा में अश्वनी कुमार बने उम्मीद की किरण

डलहौज़ी हलचल (मंडी) : – पधर उपमंडल के तेरंग में 31 जुलाई की रात बादल फटने के बाद आए सैलाब ने जो तबाही मचाई, उसने कई परिवारों को जिंदगीभर का जख्म दे दिया। इस आपदा में छह परिवारों के 10 लोग हमेशा के लिए बिछड़ गए, और चार परिवारों के आशियाने बर्बाद हो गए। इस मुश्किल समय में, पोकलेन ऑपरेटर अश्वनी कुमार की निस्वार्थ मदद और साहस को हर कोई सलाम कर रहा है।

बिना देरी के पहुंचाई मदद

अश्वनी कुमार, जो जिला कांगड़ा के जवाली के गांव रजोल कोटला के रहने वाले हैं, पिछले पाँच दिनों से लगातार 12 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी पोकलेन मशीन चलाकर, बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच फंसे शवों को निकालने में रेस्क्यू टीमों की मदद कर रहे हैं। अश्वनी ने अपनी जान की परवाह किए बिना, उस जगह मशीन पहुंचाई जहाँ पैदल पहुँचना भी मुश्किल था।

अश्वनी कुमार

अश्वनी की हिम्मत ने दिलाई पहचान

एडीएम मंडी, डॉ. मदन कुमार ने अश्वनी के इस योगदान की सराहना की और कहा कि उन्होंने ऐसे कठिन कार्य को संभव बना दिया, जिसे एक मशीन के माध्यम से करना असंभव सा लग रहा था। अभी तक एक लापता व्यक्ति हरदेव की तलाश जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि अश्वनी की मदद से उनका शव भी जल्द ढूंढ निकाला जाएगा।

सेवा और साहस का अदम्य उदाहरण

अश्वनी कुमार का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश है कि लापता व्यक्तियों को जल्द से जल्द ढूंढकर उन्हें उनके परिजनों को सौंप सकें, ताकि उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सके। हर कोई अश्वनी कुमार के इस अदम्य साहस और सेवा भावना को सलाम कर रहा है।

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