डलहौज़ी हलचल (डलहौज़ी) : धीमान प्रोडक्शन द्वारा प्रस्तुत एक नया जागरूकता गीत “जंगल दी आग” रिलीज़ किया गया है, जिसका उद्देश्य जनता को जंगल में आग न लगाने और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाना है। इस गीत को डलहौज़ी वन मंडल के अंतर्गत चुवाड़ी वन रेंज के परसियाडा बीट में कार्यरत वन रक्षक (Forest Guard) मुनिल धिमान ने अपनी सुरीली आवाज़ में गाया है, जिसके बोल बलवीर सिंह द्वारा लिखे गए हैं और संगीत सीपी स्टूडियो ने तैयार किया है।
गाने में विशेष रूप से यह संदेश दिया गया है कि जंगलों में फैलती आग न केवल वन्यजीवों के जीवन के लिए खतरा है, बल्कि मानव समुदाय के लिए भी गंभीर पर्यावरणीय संकट उत्पन्न करती है।
वन विभाग के कर्मचारी मुनिल धिमान, जो इस गीत के मुख्य चेहरे हैं, ने बताया कि “जंगल की आग अधिकतर मानव लापरवाही का परिणाम होती है। यदि हर नागरिक सतर्क रहे और जंगलों को सुरक्षित रखने में सहयोग दे, तो हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।”
क्या कहते हैं डीएफ़ओ रजनीश महाजन
डलहौज़ी वन मंडल के डीएफ़ओ रजनीश महाजन ने इस अवसर पर कहा:
“जंगल हमारी धरोहर हैं। इनकी रक्षा करना केवल वन विभाग की ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जंगलों में लगने वाली आग से न केवल पेड़-पौधे और वन्यजीवों का जीवन संकट में पड़ता है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन को भी तेज़ करती है। हम सभी से निवेदन करते हैं कि जंगल में आग लगाने जैसी गतिविधियों से बचें और यदि कहीं आग लगती दिखाई दे तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।”
गाने के निर्माता शुभम चौधरी हैं और इस परियोजना के लिए डलहौज़ी वन विभाग का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
आग का मतलब सिर्फ लपटें नहीं होती, यह जीवों का अंत भी बन सकती है। आइए, मिलकर जंगलों को बचाएं और हरियाली को बनाए रखें।