डलहौज़ी हलचल (ककीरा) भूषण गुरंग : भारत विकास परिषद बकलोह/ककीरा शाखा ने अपने 62वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर एक महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण पहल की शुरुआत की।
शिव भूमि ककीरा में 100 क्विंटल लकड़ी (फ्यूल-वुड) का प्रबंध किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य अंतिम संस्कार के समय पेड़ों को काटने की प्रथा को समाप्त करना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
अंतिम संस्कार में पर्यावरण संरक्षण की पहल
शिव भूमि ककीरा में इस पहल के तहत लकड़ियों का भंडारण किया गया है, ताकि अंतिम संस्कार के समय पेड़ों को काटने की आवश्यकता न पड़े। इस कदम से आने वाले समय में शवों के अंतिम संस्कार के दौरान एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। इस कार्य से भारत विकास परिषद का पर्यावरण संरक्षण का संकल्प मजबूत हुआ है।
शाखा के सदस्यों का योगदान
इस महान कार्य को सफल बनाने में शाखा के ज्यादातर सदस्यों ने तन, मन और धन से सहयोग किया। शाखा के सदस्य नवीन गुरुंग और उनके सहयोगियों का विशेष योगदान रहा है। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस परियोजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष सेवा कार्य
भारत विकास परिषद के 62वें स्थापना दिवस को यादगार बनाते हुए, शाखा ने सेवा कार्यों में एक नया आयाम स्थापित किया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती दी है। शाखा के सदस्य इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं और भविष्य में और भी सेवा कार्यों में योगदान देने का संकल्प कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नया आयाम
शिव भूमि ककीरा में 100 क्विंटल लकड़ी के भंडारण के इस कदम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया आयाम स्थापित हुआ है। इस पहल से न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि समाज को एक नई दिशा भी मिलेगी। आने वाले समय में यह पहल और भी व्यापक रूप से लागू की जाएगी, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
समापन
भारत विकास परिषद बकलोह/ककीरा शाखा की इस पहल ने समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को एक नई दिशा दी है। इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि समाज में भी जागरूकता बढ़ेगी।