डलहौज़ी हलचल (सोलन ) : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) कार्यालय बद्दी, सोलन में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में रीजनल पीएफ कमिश्नर रवि आनंद, एनफोर्समेंट ऑफिसर मदन लाल, और कंसल्टेंट संजय कुमार यादव शामिल हैं।
सीबीआई के अनुसार, रीजनल पीएफ कमिश्नर और एनफोर्समेंट ऑफिसर पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। यह डिमांड कंसल्टेंट संजय कुमार यादव के माध्यम से की गई थी।
रिश्वत की डिमांड और गिरफ्तारी
सीबीआई को 23 नवंबर को इस मामले में शिकायत प्राप्त हुई थी। इसके बाद 24 नवंबर को एनफोर्समेंट ऑफिसर और कंसल्टेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच में रीजनल कमिश्नर का नाम भी सामने आया। तीनों आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार किया गया और पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद उन्हें आज कोर्ट में पेश किया गया।
फर्म से रिश्वत की डिमांड के मामले में परवाणू स्थित एमएस सतोल कैमिकल यूनिक-2 फर्म के मालिक ने सीबीआई को शिकायत दी थी। फर्म के पीएफ मामले को निपटाने के लिए एनफोर्समेंट ऑफिसर ने रिश्वत की मांग की थी। यह मामला EPFO बद्दी कार्यालय में पिछले पांच साल से लंबित था। आरोप है कि अगर रिश्वत नहीं दी जाती, तो फर्म मालिक को 45-50 लाख रुपए का भुगतान करने की धमकी दी गई थी।
जाल बिछाकर की गिरफ्तारी
शिकायतकर्ता ने सीबीआई को मामले की सूचना दी, जिसके बाद जांच एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ जाल बिछाया और उन्हें रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
शिकायत में आरोप
शिकायतकर्ता के अनुसार, 2019 में EPFO ने फर्म को पीएफ मामले में एक नोटिस जारी किया था। इसके बाद, उन्हें बार-बार नाहन और बद्दी EPFO कार्यालय में बुलाया गया और दस्तावेज मांगे गए। एनफोर्समेंट ऑफिसर मदन लाल ने मामले को जल्दी निपटाने के लिए कंसल्टेंट संजय यादव के माध्यम से 10 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की थी। अगर राशि नहीं दी जाती, तो पीएफ रिकवरी के तौर पर 40-50 लाख रुपए की वसूली की धमकी दी गई थी।