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पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बकलोह में छिहत्तरवें गणतंत्र दिवस की धूम, सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हुआ कार्यक्रम

Dalhousie Hulchul

डलहौज़ी हलचल (बकलोह): पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बकलोह में रविवार को छिहत्तरवां गणतंत्र दिवस अभूतपूर्व उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। विद्यालय के प्रांगण में देशभक्ति की भावना का ऐसा रंग बिखरा कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य अनिल कुमार मुख्य अतिथि रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में निर्मला देवी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बकलोह

झंडारोहण और परेड से हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्य द्वारा तिरंगे के गर्वित फहराने और एनसीसी परेड का निरीक्षण करने से हुआ। प्राचार्य ने विद्यार्थियों की शानदार मार्चपास्ट की सलामी ली, जिसने सभी का दिल जीत लिया।

देशभक्ति से सराबोर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। ‘आजादी की खुली हवा में’ और ‘हम भारतीय हैं तूफानी’ जैसे जोशीले गीतों ने माहौल में जोश भर दिया। वहीं, ‘ऐ वतन’, ‘मेरे देश की धरती’, और ‘कंधों से कंधे मिलते हैं’ जैसे गीतों पर छात्रों के नृत्य ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।

दीक्षा राठौड़ और सहज बैंस के ओजस्वी भाषणों ने गणतंत्र दिवस के महत्व और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को उजागर किया। उनकी बातों ने सभी को देश की सेवा और जिम्मेदारियों के प्रति प्रेरित किया।

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बकलोह

प्राचार्य अनिल कुमार ने दिया प्रेरक संदेश

अपने संबोधन में प्राचार्य अनिल कुमार ने कहा, “भारत केवल एक देश नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसे समृद्ध और विकसित बनाने के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करना होगा। केवल तभी हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार कर पाएंगे।”

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बकलोह

मिष्ठान्न वितरण से हुआ समापन

कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ शिक्षक अजय हिंगोनिया के धन्यवाद ज्ञापन और मिष्ठान्न वितरण के साथ हुआ। विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच बांटी गई मिठाइयों ने इस समारोह को और भी यादगार बना दिया।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है।