डलहौज़ी हलचल (चंबा): अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्री अमित मेहरा की अध्यक्षता में सघन दस्त और निमोनिया नियंत्रण पखवाड़े की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आज जिलाधीश कार्यालय के सभागार में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी और स्वास्थ्य प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है।
तीन चरणों में आयोजित होगा पखवाड़ा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन ठाकुर ने बताया कि इस साल पखवाड़े का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण जुलाई में पूरा हुआ था, जबकि दूसरा चरण 18 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इस पखवाड़े का मुख्य लक्ष्य है कि जिले में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में दस्त और निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाया जाए।
संवेदनशील जनसंख्या पर विशेष नजर
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जालम भारद्वाज ने बैठक में बताया कि विभाग की मुख्य नजर संवेदनशील जनसंख्या जैसे घुमंतू, कंस्ट्रक्शन साइट्स पर रहने वाले परिवारों, विस्थापित लोगों, और ऐसे क्षेत्रों में होगी जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। जिले में 0-5 वर्ष के लगभग 53,680 बच्चे हैं, जिनके लिए आशा कार्यकर्ता 107,460 ओआरएस पैकेट और 751,520 जिंक गोलियां वितरित करेंगी। आशा कार्यकर्ता ओआरएस के सही उपयोग, उसकी विधि और साफ-सफाई के महत्व पर भी जागरूकता फैलाएंगी। बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखने पर आशा कार्यकर्ता अमोक्सिसिलिन सिरप की पहली खुराक देकर तत्काल डॉक्टर के पास रेफर करेंगी।
सभी विभागों का सहयोग अनिवार्य
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री अमित मेहरा ने सभी विभागों से अपील की कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी सहयोग दें। विशेष रूप से महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, पंचायती राज, और सामाजिक कल्याण विभाग का स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय आवश्यक है ताकि हर बच्चे तक यह सुविधा पहुंचे।
इस बैठक में खंड चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेदिक अधिकारी, शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी (ICDS) सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।