Chamba News : डलहौज़ी हलचल (Chamba) : चंबा जिला की नोट ओन मैप संस्था राजस्थान के लोगों को सांस्कृतिक संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही सामुदायिक आधारित जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से आर्थिकी सुदृड़ करने की बारीकियां सीखा रही है।
यूनेस्को व राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग ने नोट ओन मैप संस्था के कार्यों से प्रभावित होकर इसे राजस्थान के शिल्पकारों व कलाकारों को सामुदायिक आधारित जिम्मेदार पर्यटन व संस्कृति को संजोते हुए आर्थिकी को सुदृड़ बनाने के लिए तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। इस पर नोट ओन मैप संस्था से जुड़े रेणू शर्मा, देवेंदर, तन्य व भोम की ओर से राजस्थान व सरकार व पर्यटन विभाग की ओर से चिन्हित गांवों में लोगों को जिम्मेदार पर्यटन की बारीकियां सिखा रहे हैं।
इसी कड़ी में तीन से 10 मार्च तक राजस्थान के पश्चिमी जिलों के पांच गांव बडनावा जागीर, शियो, चौहट्टन, चौपासनी एवं सांगासिनी में करीब 200 से अधिक लोक कलाकारों एवं शिल्पकारों के साथ अमूर्त सांस्कृतिक विरासत एवं संवर्धन के लिए इन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य इनकी कला को रोजगार एवं पर्यटन से जोड़ना एवं संवर्धन करना रहा।
पहली कार्यशाला का आयोजन बड़नावा जागीर में किया गया। यह क्षेत्र लंगा समुदाय का है, जो कि अलग-अलग तरह के सारंगी, ढोलक, हारमोनियम एवं खड़ताल जैसे वाद्य यंत्रों द्वारा लोक गाथाओं का गायन करते हैं। दूसरी कार्यशाला शियो गांव में की गई। ये मांगनियार समुदाय के लोक कलाकार एवं उत्कृष्ट कला के मालिक हैं।
तीसरी कार्यशाला चौहट्टन के धनारू गांव में की गई। यहां की प्रसिद्ध कला कसीदाकारी हैै, जो कि महिलाओं द्वारा की जाती है। चौथी कार्यशाला कालवेलिया समुदाय के प्रसिद्ध लोक कलाकारों एवं नृत्य कलाकारों के साथ की गई। ये लोग खंजरी, पूंगी, सारंगी वाद्य यंत्र बजाते हैं। वहीं, कालबेलिया महिलाएं इन गीतों पर नृत्य करती हैं। पांचवीं कार्यशाला सांगासिनी गांव में की गई, जो कि मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं।
कुमार अनुभव, संस्थापक नोट ओन मैप संस्था ने कहा कि नोट ओन मैप संस्था की ओर से जिस उद्देश्य के साथ जिम्मेदार पर्यटन व संस्कृति का संवर्धन को लेकर कार्य किया जा रहा है। उससे प्रभावित होकर राजस्थान सरकार व यूनेस्को ने हमें यह जिम्मा सौंपा है। संस्था की ओर से राजस्थान के लोगों को कला व संस्कृति के साथ ही जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से आर्थिकी को सुदृड़ करना सिखाया गया।
रेणू शर्मा, संचालक एचटूओ हाउस ने बताया की राजस्थान के लोगों को इनकी कला को आजीविका व पर्यटन के साथ जोड़ने के लिए कार्य किया गया। इसमें शिल्पकार एवं लोक कलाकारों ने भाग लिया। इन्हें इनकी कला को पीढ़ी दर पीढ़ी संजोने के साथ ही पर्यटन से जुड़ने की बारीकियां सिखाई गईं, ताकि आजीविका के साधन पैदा हों।