डलहौज़ी हलचल : ऊना, हिमाचल प्रदेश – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ऊना जिले के गगरेट विधानसभा क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें 31 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 5 मेगावाट क्षमता की भंजाल सौर ऊर्जा परियोजना और 5.17 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला अत्याधुनिक मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र शामिल हैं।
सौर ऊर्जा परियोजना: एक हरित भविष्य की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा स्थापित की जा रही भंजाल सौर ऊर्जा परियोजना 9 हेक्टेयर भूमि में फैली होगी और इसे 8 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 10.54 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और राज्य सरकार को 3.815 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा। परियोजना में 13,000 सोलर मॉड्यूल स्थापित किए जाएंगे, जिससे प्रतिवर्ष 396 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र: मछुआरों के लिए नई उम्मीदें
दियोली में बनने वाला अत्याधुनिक मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र प्रदेश के मछुआरों को लाभ पहुंचाएगा। इस केंद्र से उन्हें उन्नत तकनीकों और प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और आय में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण केंद्र स्थल का निरीक्षण भी किया और इसकी संभावनाओं पर चर्चा की।
हरित ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में प्रगति
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार सौर ऊर्जा दोहन पर विशेष ध्यान दे रही है और पावर कॉर्पोरेशन को 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य दिया है। ऊना जिले में 47 मेगावाट विद्युत उत्पादन की योजना है, जिसमें पेखूबेला में 32 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्रोजेक्ट पहले ही समर्पित किया जा चुका है।
जनता की समस्याओं का समाधान
मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए कड़े फैसले लेने की बात कही और आम जनता से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एचआरटीसी को 300 करोड़ रुपये प्रदान कर रही है, जिससे इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जा सके और सभी बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जा सके।
राजनीतिक स्थिरता और विकास
मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ समय से भाजपा द्वारा प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि जनता के सहयोग से इन प्रयासों का करारा जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता के कारण विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ा, लेकिन आने वाले समय में राज्य सरकार प्रदेश हित में कई फैसले लेगी।
इस अवसर पर विधायक राकेश कालिया, संजय रतन, सुदर्शन बबलू, विवेक शर्मा, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विजय डोगरा, उपायुक्त जतिन लाल, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) शिवम प्रताप सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
निष्कर्ष
ये परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और हरित ऊर्जा राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सौर ऊर्जा और मत्स्य पालन के क्षेत्र में इन नवाचारों से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।