डलहौज़ी हलचल (नई दिल्ली) : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन के लिए लंबित वित्तीय सहायता को शीघ्र जारी करवाना था।
प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक आपदाओं की संवेदनशीलता से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि राज्य में लगातार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, इन आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए मंत्रालय के पास लम्बित धनराशि को शीघ्र जारी करना अत्यंत आवश्यक है।
9042 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा-2023 के दौरान केंद्रीय टीम द्वारा किए गए आपदा उपरांत आकलन के अंतर्गत 9042 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि यह मामला अभी भी मंत्रालय के पास लंबित है और इस वर्ष बरसात का मौसम शुरू होने के दृष्टिगत, राज्य को इस धनराशि की तत्काल आवश्यकता है।
एसडीआरएफ के अंतर्गत लंबित राशि
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के अंतर्गत 61.07 करोड़ रुपये की राशि लंबित है। इस राशि को भी शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया गया।
15वें वित्त आयोग की सिफारिशें
मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, पहाड़ी राज्यों में भू-स्खलन और भूकंप के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2021-2026 के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि मिलनी है। उन्होंने एनडीआरएफ के अंतर्गत लंबित 60.10 करोड़ रुपये की शीघ्र रिलीज की भी मांग की।
राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत प्रस्तुत 125.84 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना की शीघ्र स्वीकृति का भी अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में एनडीआरएफ परिसरों की स्थापना की आवश्यकता पर बल देते हुए, मंडी, रामपुर और नालागढ़ में परिसरों के निर्माण कार्य आरंभ करने का अनुरोध किया। साथ ही, लाहौल-स्पीति में अंतरराज्यीय सीमा पर सरचू और शिंकुला में सरकारी भूमि पर अनाधिकृत कब्जे पर उचित कार्रवाई की भी मांग की।
अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, और आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती भी उपस्थित थीं। इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का समर्थन किया और केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य की तत्काल आवश्यकताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।