डलहौज़ी हलचल (शिमला) : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना की शुरुआत की है। यह योजना विशेष रूप से विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के लिए सरकार ने सालाना 53.21 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जो इन बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण में मदद करेगा।
योजना का उद्देश्य और लाभार्थी
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को सहायता प्रदान करना है, जिनके पास अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और पोषण की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। योजना के अंतर्गत, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए 1000 रुपये का मासिक अनुदान दिया जाएगा, जो उनके शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को पूरा करने में मदद करेगा।
शैक्षणिक सहायता और वित्तीय सुरक्षा
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना केवल प्राथमिक शिक्षा तक ही सीमित नहीं है। इसके तहत, यदि कोई बच्चा स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश करता है, तो उसके ट्यूशन और छात्रावास के खर्चों को भी सरकार वहन करेगी। इस प्रकार, योजना का उद्देश्य बच्चों के शैक्षणिक जीवन को संपूर्ण रूप से सुरक्षित करना है।
सामाजिक सुरक्षा और बाल संरक्षण
मुख्यमंत्री सुक्खू ने योजना की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विधवा और परित्यक्त महिलाओं को अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना का उद्देश्य बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरुपयोग जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों को रोकना है। इसके जरिए बाल संरक्षण के प्रयासों को सुदृढ़ करने की योजना है, जिससे बच्चों का सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत, विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाएं और विकलांग माता-पिता, जिनकी पारिवारिक आय एक लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन करना होगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार सत्ता में आने के पहले दिन से ही वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना केवल एक शुरुआत है और आने वाले समय में और भी कई पहल की जाएंगी ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को समर्थन और सुरक्षा मिल सके।