डलहौज़ी हलचल (किन्नौर) – हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज किन्नौर जिले के कल्पा स्थित बालिका आश्रम का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में निराश्रित और विशेष रूप से सक्षम बच्चों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इन बच्चों का देखभाल और संरक्षण “परिवार के सदस्यों” की तरह करेगी, क्योंकि सभी अनाथ बच्चे राज्य की जिम्मेदारी हैं।
हिमाचल में अनाथ बच्चों को मिला “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का दर्जा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अनाथ बच्चों को “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का दर्जा दिया है। इसके अंतर्गत इन बच्चों के देखभाल और शिक्षा के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ और अधिकार सुनिश्चित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये बच्चे सरकार की जिम्मेदारी हैं और उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।
बालिकाओं के साथ संवाद और दिवाली उपहार की घोषणा
मुख्यमंत्री ने बालिका आश्रम की बालिकाओं से मुलाकात की और उन्हें शिक्षा और जीवन में सफल होने के लिए मेहनत और समर्पण का महत्व बताया। साथ ही, मुख्यमंत्री ने प्रत्येक बालिका को दिवाली उपहार के रूप में 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा की और उन्हें ट्रैक सूट भी भेंट किए।
बालिका आश्रम के निरीक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री ने उपायुक्त किन्नौर को निर्देश दिए कि वे बालिका आश्रम का समय-समय पर औचक निरीक्षण करते रहें ताकि बच्चों की किसी भी समस्या का त्वरित समाधान हो सके। इस मौके पर आश्रम की लड़कियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
बौद्ध मन्दिर में मुख्यमंत्री का दर्शन
मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के अंत में कल्पा के प्रसिद्ध बौद्ध मन्दिर में दर्शन किए और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी, उपायुक्त किन्नौर अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।