डलहौज़ी हलचल (धर्मशाला) 28 जनवरी: उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री का शीतकालीन कांगड़ा प्रवास ऐतिहासिक रहा है। कई वर्षों बाद धर्मशाला में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई, और मुख्यमंत्री का कांगड़ा जिला में यह प्रवास काफी लंबा और अहम था, जो सरकार की कांगड़ा के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त और 25 जनवरी के राज्य स्तरीय समारोह भी कांगड़ा जिले में आयोजित किए गए थे, जो कांगड़ा को प्रमुखता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
675 करोड़ के विकास कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास
उपमुख्य सचेतक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने कांगड़ा प्रवास के दौरान 675 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो विकास की दिशा में एक सार्थक पहल साबित हुई है।
उन्होंने विशेष रूप से धर्मशाला के ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण इकाई की आधारशिला रखने का उल्लेख किया और साथ ही धर्मशाला के तपोवन में 150 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर बनाने की घोषणा की।
सौर ऊर्जा परियोजना और अन्य विकास कार्यों का उद्घाटन
पठानिया ने कहा कि धर्मशाला में 750 किलोवाट की पहली सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, कांगड़ा जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में भी विकास कार्यों की झड़ी लगाई गई। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में 184 करोड़, नूरपुर में 30 करोड़, कांगड़ा में 88 करोड़, बैजनाथ में 70 करोड़ और धर्मशाला में 269 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास किए गए।
कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की दिशा में कदम
उपमुख्य सचेतक ने कहा कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री इन परियोजनाओं की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं, ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके और स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिल सकें।