डलहौज़ी हलचल (शिमला) 20 जुलाई 2024 – उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में तिब्बतन स्कूल छोटा शिमला और केंद्रीय विद्यालय जाखू के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने अपने-अपने विद्यालयों के हालात पर चर्चा की। बैठक का उद्देश्य विद्यालयों की स्थिति की समीक्षा करना और शिक्षा प्रणाली में सुधार के उपायों पर विचार करना था।
तिब्बतन स्कूल छोटा शिमला की स्थिति:
पहले चरण में आयोजित बैठक में, उपायुक्त ने तिब्बतन स्कूल छोटा शिमला की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह स्कूल अन्य विद्यालयों की तुलना में एक विशेष पहचान रखता है और इसके संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। सबसे बड़ी चिंता का विषय स्कूल में छात्रों की घटती संख्या है, जो एक गंभीर समस्या है। उपायुक्त ने स्टाफ से इस पर कार्य करने और शिमला शहर के मुख्य स्थान पर स्थित विद्यालय के विकास को सुनिश्चित करने की अपील की।
उपायुक्त ने यह भी बताया कि 15 अगस्त को रिज मैदान पर आयोजित समारोह में तिब्बतन स्कूल के छात्र अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे, जो स्कूल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखने में मददगार होगी।
केंद्रीय विद्यालय जाखू के मुद्दे:
दूसरे चरण की बैठक में, उपायुक्त ने केंद्रीय विद्यालय जाखू के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया कि विद्यालय में एनसीसी (नेशनल कैडेट कॉर्प्स) कुछ कारणों से बंद हो गया था। उपायुक्त ने एनसीसी को पुनः शुरू करने के प्रयासों की बात की और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा, विद्यालय के प्रतिनिधियों ने शिमला शहर के आसपास खाली जगह देने की मांग की, ताकि स्कूल के विद्यार्थी और शिक्षक पौधारोपण कर सकें। उपायुक्त ने पौधारोपण के लिए जगह उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
साप्ताहिक बैठक का प्रस्ताव:
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने घोषणा की कि शहर के सभी विद्यालयों के साथ हर सप्ताह बैठक का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में छात्रों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करना और वहां मौजूद समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना होगा। इस प्रयास का लक्ष्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना और आने वाले भविष्य को सुरक्षित बनाना है।
अन्य विषय:
बैठक में स्कूलों की छात्र संख्या, शिक्षकों की स्थिति, हॉस्टल सुविधाओं, प्रवेश प्रक्रिया और अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर तिब्बतन स्कूल के प्रधानाचार्य पेमा ज्ञालत्सेन और केंद्रीय विद्यालय जाखू के प्रधानाचार्य वीर चंद सहित अन्य शिक्षकों ने भी भाग लिया।
यह बैठक शिमला के शिक्षा क्षेत्र में सुधार और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी।