डलहौजी हलचल (नाहन): हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की पुत्रवधू, पूर्व विधायक कुश परमार की पत्नी, और कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सत्या परमार का नाहन के डॉक्टर वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में मंगलवार सुबह निधन हो गया। 70 वर्षीय सत्या परमार पिछले एक वर्ष से अस्वस्थ चल रही थीं और उनकी मृत्यु से सिरमौर सहित पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार नाहन के अंतिम धाम में मंगलवार दोपहर को किया जाएगा।
सत्या परमार, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ठाकुर रामलाल की पुत्री थीं, हिमाचल में कांग्रेस का एक सशक्त चेहरा मानी जाती थीं। महिला कल्याण बोर्ड की पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने प्रदेश की महिलाओं के उत्थान के लिए सराहनीय कार्य किए और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने व्यक्त की संवेदना
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सत्या परमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “सत्या परमार ने महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण की दिशा में जो योगदान दिया, उसे सदैव स्मरण किया जाएगा।” उप मुख्यमंत्री ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सत्या परमार के प्रयासों से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
सत्या परमार के योगदान पर एक नजर
सत्या परमार ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश महिला समाज कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और हिमाचल में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम भूमिका निभाई। उनके निधन से प्रदेश ने एक अनुभवी नेता और समर्पित समाजसेविका को खो दिया है।