डलहौज़ी हलचल (डलहौज़ी) : डलहौजी के पर्यटन स्थल की प्रसिद्धि और वास्तविकता में एक बड़ा फर्क नजर आ रहा है। अजय चौहान, डलहौजी नगर परिषद के पार्षद, ने हाल ही में कहा कि डलहौजी की विश्व प्रसिद्धि केवल एक दिखावा बनकर रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यहाँ की मौजूदा सड़क और परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर अत्यंत निराशाजनक है, जिससे न केवल स्थानीय व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं बल्कि पर्यटकों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है।
पर्यटन संकट की वजहें
डलहौजी में एक ओर जहाँ बौद्ध मठ जैसी धार्मिक स्थल है, वहीं दूसरी ओर यहाँ की यात्रा सुविधाएँ जैसे कि सड़क कनेक्टिविटी, हवाई सेवाएँ, और रेलवे सुविधा बेहद सीमित हैं। यही कारण है कि न तो बौद्ध भिक्षु, विदेशी पर्यटक और न ही बॉलीवुड इंडस्ट्री के फिल्म निर्माता यहाँ आना पसंद करते हैं। इसके चलते, डलहौजी पर्यटन स्थल पर ध्यान कम हो गया है और अधिक विकसित स्थानों जैसे शिमला, मनाली, और धर्मशाला की ओर पर्यटकों का रुख बढ़ गया है।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ
अजय चौहान ने बताया कि पंजाब और अन्य क्षेत्रों से पर्यटन करने आने वाले लोग गर्मियों के दिनों में ही यहाँ आते हैं, लेकिन अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के कारण उनकी संख्या लगातार घट रही है। उत्तराखंड, कश्मीर, केरल, गोवा, और मसूरी जैसे पर्यटनशील राज्यों की बढ़ती लोकप्रियता भी हिमाचल के पर्यटन पर प्रतिकूल असर डाल रही है। इसके परिणामस्वरूप, स्थानीय युवाओं को बेरोजगारी और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है।
आवश्यक सुधार और सुझाव
डलहौजी के पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए अजय चौहान ने पधर-बनीखेत सड़क के अधिग्रहण की मांग की है। उन्होंने डलहौजी नगर परिषद की सड़कों को लोक निर्माण विभाग के अधीन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। उनका कहना है कि इस कदम से नगर परिषद डलहौजी की सड़कों की मरम्मत और विस्तार संभव होगा, जिससे पर्यटन व्यवसाय को नया जीवन मिलेगा।
चौहान ने डी एस ठाकुर, विधायक डलहौजी विधानसभा क्षेत्र, और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से विशेष आग्रह किया है कि डलहौजी नगर परिषद की सड़कों के मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाए। साथ ही, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से भी इस समस्या पर शीघ्र ध्यान देने की अपील की गई है।
डलहौजी का वर्तमान पर्यटन संकट इस बात का संकेत है कि यदि समय पर आवश्यक सुधार और सुविधाओं में वृद्धि नहीं की जाती है, तो इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल की स्थिति और भी खराब हो सकती है। अजय चौहान की ये अपील इस क्षेत्र के पर्यटन को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।