डलहौजी हलचल (शिमला) : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को लेकर फिर से अस्थिरता की चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने शनिवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार अस्थायी है और कभी भी गिर सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कई विधायक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के संपर्क में हैं।
कांग्रेस में गुटबाजी का दावा
हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर तीन-चार अलग-अलग गुट सक्रिय हैं। इनमें ऊना, सिरमौर और कांगड़ा के गुट शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के विधायकों को लगने लगा है कि यदि सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहे, तो उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं, लेकिन कोई भी कदम पार्टी संगठन की सहमति से ही उठाया जाएगा। महाजन ने जोर दिया कि भाजपा राज्य के लोगों के हितों को प्राथमिकता देते हुए कोई भी निर्णय लेगी।
कोर्ट द्वारा मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने इन पदों पर दी गई सभी सुविधाओं और विशेषाधिकारों को भी तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 8 जनवरी 2023 को मंत्रिमंडल विस्तार से पहले अर्की से संजय अवस्थी, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराक्टा, कुल्लू से सुंदर सिंह, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था। लेकिन अदालत ने इन नियुक्तियों को असंवैधानिक बताते हुए अमान्य करार दिया।
हर्ष महाजन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा लिया गया यह कदम न केवल असंवैधानिक था, बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिरता के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता था।
कांग्रेस की आलोचना
भाजपा सांसद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकारों की विफलता का असर अन्य राज्यों में आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है। उन्होंने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं पर सवाल उठाए।