डलहौज़ी हलहल (चंबा) – 12 जुलाई 2024- उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (आईएचबीटी) के हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के निर्देशक सुदेश यादव और संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ज़िला चंबा में किसानों और बागवानों की आर्थिकी को मजबूत बनाने के लिए कृषि विविधता कार्यक्रम के तहत किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करना था।
कृषि विविधता कार्यक्रम का महत्व
कृषि विविधता कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक फसलों से हटकर नई और अधिक लाभकारी फसलों की ओर प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में नवाचार लाने के लिए महत्वपूर्ण है। उपायुक्त ने इस दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की और आईएचबीटी के अधिकारियों से उम्मीद जताई कि वे इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों और नवाचारों का समावेश करेंगे।
पालमपुर संस्थान का दौरा
बैठक में उपायुक्त ने ग्रामीण विकास, कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों को जल्द ही पालमपुर संस्थान का दौरा करने का निर्देश दिया। इस दौरे का उद्देश्य संस्थान द्वारा विकसित की गई नई तकनीकों और नवाचारों की जानकारी हासिल करना है। उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ लगातार संवाद स्थापित रखा जाए ताकि नई तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके।
समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण
उपायुक्त ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अर्थशास्त्री को निर्देशित किया कि वे हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण करें। इस नवीनीकरण में किसानों और बागवानों की सुविधा के लिए अन्य फसलों और कृषि उपज को भी शामिल किया जाए। इससे जिले के किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिकी में सुधार होगा।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट और पौष्टिक उपज
बैठक के दौरान उपायुक्त ने संस्थान के निदेशक से जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट से संबंधित तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए पौष्टिक उपज को बढ़ाने और कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब की पैदावार को लेकर तकनीकी परामर्श उपलब्ध करवाने की भी बात कही। इससे जिले में कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
विभिन्न योजनाओं के साथ कन्वर्जेंस
उपायुक्त ने संबंधित विभागीय जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संस्थान द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों में विभिन्न योजनाओं के साथ कन्वर्जेंस करें। इससे संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो सकेगा और जिले के विकास में तेजी आएगी।
संस्थान द्वारा किए गए कार्यों की प्रस्तुति
बैठक में जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से जिले के किसानों, बागवानों और पशुपालकों की आर्थिकी को सशक्त बनाने के लिए जंगली गेंदा, केसर, हिंग, लैवेंडर, रोजमेरी सहित औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती को लेकर जिले में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई। इससे संबंधित विभागों के अधिकारियों को इन फसलों की खेती में आ रही समस्याओं और उनके समाधान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
स्थानीय समस्याओं पर विस्तृत चर्चा
इस दौरान हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों से कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हिंग, केसर और सुगंधित पौधों की उपज को लेकर स्थानीय किसानों को पेश आ रही विभिन्न समस्याओं और उनके निदान को लेकर विस्तृत चर्चा की। इससे इन समस्याओं का समाधान निकालने में मदद मिलेगी और किसानों को राहत मिलेगी।
महत्वपूर्ण अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मेहरा, उपनिदेशक कृषि डॉ. कुलदीप धीमान, उद्यान डॉ. प्रमोद शाह, उपनिदेशक आत्मा परियोजना डॉ. ओम प्रकाश अहीर, अर्थशास्त्री जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विनोद कुमार उपस्थित रहे। इन सभी अधिकारियों ने बैठक में सक्रिय भाग लिया और अपने-अपने विभागों की ओर से आवश्यक सुझाव और निर्देश दिए।