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हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर: समीक्षा के लिए बुलाई आपात बैठक

Dalhousie Hulchul
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डलहौज़ी हलचल (शिमला) 1 अगस्त – हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का विकराल रूप देखने को मिला है, जहां कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने की घटनाओं के कारण भारी बारिश हुई है। इस आपदा में 52 लोग लापता हो गए हैं और 3 लोगों की मृत्यु हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने बादल फटने से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बुलाई आपात बैठक

बादल फटने की घटनाओं के बाद, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न जिलों से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लू जिले में तीन जगह और मंडी और शिमला में एक-एक जगह बादल फटा है। राज्य मुख्यालय पर प्राप्त सूचना के अनुसार, अभी तक दो शव बरामद हुए हैं, जबकि 50 लोगों के लापता होने की सूचना है।

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डलहौज़ी हलचल (शिमला) 1 अगस्त – हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का विकराल रूप देखने को मिला है, जहां कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने की घटनाओं के कारण भारी बारिश हुई है। इस आपदा में 52 लोग लापता हो गए हैं और 3 लोगों की मृत्यु हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।मुख्यमंत्री ने बादल फटने से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बुलाई आपात बैठकसड़कें और पुल हुए क्षतिग्रस्तकुल्लू जिले की स्थितिसरकार की सर्वोच्च प्राथमिकतासरकार की त्वरित कार्रवाईआपदा निगरानी और राहतकेंद्र सरकार से सहयोग की मांगआपातकालीन बैठक में उपस्थित अधिकारी

सड़कें और पुल हुए क्षतिग्रस्त

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 12 घंटों में बादल फटने और भारी बारिश से एक राष्ट्रीय राजमार्ग और पांच सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिमला जिले के झाकड़ी का समेज क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां बादल फटने से आवासीय क्षेत्र से 36 लोग लापता हैं और एक सड़क मार्ग भी अवरुद्ध है। मंडी जिले की पधर तहसील के टिक्कन-थालूकोट गांव में सात लोग लापता हैं, जबकि दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। वहीं तीन घरों को भी नुकसान पहंुचा है।

कुल्लू जिले की स्थिति

कुल्लू जिले के निरमंड तहसील के जाओं गांव में बादल फटने से सात लोग लापता हैं, नौ घर बाढ़ में बह गए हैं, जबकि दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। उच्च पर्वतीय क्षेत्र में बादल फटने से पिन पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ा है और एक बस बह गई है। मलाणा के जरी में भी एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। मलाणा में ब्यास नदी के किनारे नौ लोग फंसे हुए हैं, जिनको सुरक्ष्रित बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय लोगों के जीवन की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पूरी मशीनरी युद्धस्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुटी हुई है। उन्होंने संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित परिवारों को फैारन राहत पहुंचाई जाए तथा बेली पुलों का निर्माण किया जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को किसी असुविधा का सामना न पडे़।

सरकार की त्वरित कार्रवाई

राज्य सरकार पुलिस को पांच ड्रोन दे रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्र में परिवहन गतिविधियों का संचालन किया जा सके। संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए उप-मंडलाधिकारी स्तर पर सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाए गए हैं। पुलिस स्टेशनों और चौकियों को 50 विद्युत जेनरेटर भेजे जा रहे हैं, ताकि विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा न आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा आगामी शुक्रवार सुबह तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। उन्होंने लोगों से इस दौरान ऐहतियात बरतने और नदी-नालों के करीब न जाने का आह्वान किया है।

आपदा निगरानी और राहत

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा निगरानी के लिए 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से सभी संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं प्रकट की हैं जिन्होंने अपनों को खोया है। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

केंद्र सरकार से सहयोग की मांग

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सुबह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से दूरभाष पर बात की और राज्य में भारी वर्षा और बादल फटने के कारण उत्पन्न स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस आपदा से निपटने के लिए उदारतापूर्वक सहयोग करने का आग्रह किया।

आपातकालीन बैठक में उपस्थित अधिकारी

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एन.पी. सिंह भी बैठक में उपस्थित थे।

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