डलहौज़ी हलचल (ऊना ) : श्रीनगर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुकाबला करते हुए वीरगति प्राप्त करने वाले 28 आरआर के नायक दिलवर खान (28 वर्ष) को गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद की पार्थिव देह को दोपहर करीब 2 बजे बंगाणा उपमंडल के उनके पैतृक गांव घरवासड़ा लाया गया, जहां शोक और गर्व का माहौल था।

हर आंख में थे आंसू, लेकिन दिल में गर्व
इस अवसर पर विधायक विवेक शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, एएसपी संजीव भाटिया, एसडीएम सोनू गोयल समेत भारतीय सेना, पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। गाँव के लोग भारी संख्या में अपने वीर बेटे की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। हर आंख में आंसू थे, लेकिन दिल में गर्व था।
शहीद को दी गई गार्ड ऑफ ऑनर
सेना के जवानों ने शहीद दिलवर खान को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी। इस दौरान नमाज-ए-जनाजा अदा कर उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। पूरे वातावरण में शहीद दिलवर खान के बलिदान की गूंज थी, जिसने सभी को भावुक कर दिया।

विधायक बोले शहीद के परिवार को दी जाएगी हरसंभव सहायता
विधायक विवेक शर्मा ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के जवान देश की सीमाओं की रक्षा में हमेशा अग्रणी रहे हैं। उन्होंने शहीद दिलवर खान के बलिदान को अमर बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शहीद के परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने यह वादा भी किया कि शहीद का सर्वोच्च बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
जीवन परिचय: 1996 में जन्मे दिलवर खान ने मात्र 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती होकर देश सेवा का सपना देखा था। उनकी शहादत ने उनके इस सपने को साकार कर दिया। शहीद के परिवार में उनके पिता कर्मदीन, माता भोला बीबी, एक भाई, एक बहन, पत्नी जमीला, और 3 साल का बेटा जुनैद हैं।