डलहौज़ी हलचल (शिमला) 7 अगस्त 2024 – हिमाचल प्रदेश फिंगर प्रिंट ब्यूरो की स्थापना और उत्कृष्टता की यात्रा पर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य के अपराध जांच और फोरेंसिक सेवाओं में एक नए युग की शुरुआत करता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
दुनिया का पहला फिंगर प्रिंट ब्यूरो वर्ष 1897 में कलकत्ता में स्थापित किया गया था, जिसे 1904 में ब्रिटिश काल के दौरान शिमला स्थानांतरित कर दिया गया। स्वतंत्रता के बाद, इसे केंद्रीय अंगुलि चिन्ह ब्यूरो (सीएफपीबी) नाम दिया गया और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के तहत नई दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया।
हिमाचल प्रदेश में स्थापना
हिमाचल प्रदेश में फिंगर प्रिंट ब्यूरो की स्थापना वर्ष 2003 में अपराध जांच विभाग में की गई थी। 2018 में इसे फोरेंसिक सेवाओं के साथ एकीकृत किया गया, जिससे ब्यूरो में वैज्ञानिक कौशल को बढ़ावा मिला।
तकनीकी उन्नति और नवाचार
ब्यूरो को नए उपकरणों और तकनीकों के साथ लगातार सशक्त किया जा रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा दी गई राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (NAFIS) को 2021 में स्थापित किया गया। इस प्रणाली के माध्यम से फिंगर प्रिंट डेटाबेस को डिजिटाइज करके, अपराध स्थल पर पाए गए प्रिंट्स और पुलिस द्वारा दर्ज पर्चियों को डेटाबेस से मिलान किया जाता है, जिससे 4-5 मिनट में परिणाम मिल जाते हैं।
हाल की उपलब्धियाँ
पिछले तीन महीनों में, हिमाचल प्रदेश राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो ने दो हजार बहत्तर (2072) फिंगर प्रिंट पर्चियाँ राष्ट्रीय डेटाबेस में प्रेषित की हैं। इनमें से तीन सौ पंद्रह (315) पर्चियाँ डेटाबेस में उपलब्ध फिंगर प्रिंट से मेल खाई हैं, जिससे बार-बार अपराध करने वालों का इतिहास उजागर हुआ है।
गुणवत्ता मान्यता
हिमाचल प्रदेश राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो को 2024 में ISO/IEC 17025:2017 के अनुसार राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है। यह मान्यता प्राप्त करने वाला उत्तर भारत का पहला और भारत में गुजरात के बाद दूसरा राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो बना।
नई तकनीकी खरीदारी
ब्यूरो ने लगभग 30 लाख रुपये की लागत से 4K Mobile Multispectral Fingerprint Detection Tablet (FORENSCOPE) खरीदी है। इस उपकरण के माध्यम से फिंगर प्रिंट पाउडर का उपयोग किए बिना छिद्रपूर्ण सतहों से भी फिंगर प्रिंट सीधे रिकॉर्ड किए जा सकते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम
फिंगर प्रिंट ब्यूरो और अपराध स्थल अधिकारियों के विशेषज्ञों को जांच में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 जुलाई 2024 से 27 जुलाई 2024 तक आयोजित किया गया।