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ट्रिपल आईटी ऊना में शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ

Dalhousie Hulchul

डलहौज़ी हलचल (ऊना) : भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना में सोमवार को राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (NITTTR), चंडीगढ़ के सहयोग से शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में डॉ. जगविंदर सिंह पंधेर, एसोसिएट प्रोफेसर, मानविकी एवं प्रबंधन विभाग, डॉ. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षण विधियों को उन्नत करना, शिक्षा में डिजिटल उपकरणों का एकीकरण करना और शिक्षकों को नवीन शिक्षण तकनीकों से सशक्त बनाना है, जिससे शिक्षण और अधिगम के परिणामों में सुधार हो सके।उन्होंने  शिक्षकों के सतत विकास के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “ऐसी प्रशिक्षण कार्यशालाएँ शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण रणनीतियों से सशक्त बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और छात्रों के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”

इस कार्यशाला का समन्वय प्रो. एस.एस. गिल और प्रो. मीनाक्षी सूद (NITTTR, चंडीगढ़), डॉ. तनु वधेरा, सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स (SoE) और डॉ. अंकुर कुमार, प्रमुख एवं सहायक प्रोफेसर, SoE, IIIT ऊना द्वारा किया जा रहा है। उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व कार्यशाला को प्रभावी ढंग से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

ट्रिपल आईटी ऊना

पांच दिवसीय इस कार्यशाला के दौरान, उद्योग, शिक्षाविदों और NITTTR चंडीगढ़ के विशेषज्ञ आउटकम-बेस्ड एजुकेशन (OBE), डिजिटल शिक्षण उपकरण, प्रभावी कक्षा प्रबंधन, शोध-आधारित शिक्षण विधियों और छात्र सहभागिता रणनीतियों पर इंटरैक्टिव सत्र आयोजित करेंगे। इस कार्यशाला में प्रतिभागी व्यावहारिक प्रशिक्षण और संवादात्मक चर्चाओं के माध्यम से शिक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को लागू करने में सक्षम होंगे।

IIIT ऊना और अन्य संस्थानों के शिक्षक इस कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के समापन पर, प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।

ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. मनीष गोर ने शिक्षकों के सतत विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा और प्रौद्योगिकी निरंतर विकसित हो रही हैं, इसलिए शिक्षकों के लिए अपनी शिक्षण क्षमताओं को नियमित रूप से अद्यतन करना आवश्यक है। यह कार्यशाला शिक्षकों को नई शिक्षण पद्धतियाँ सीखने, डिजिटल टूल्स का उपयोग करने और शोध-आधारित शिक्षण तकनीकों को अपनाने में मदद करेगी।” उन्होंने आगे कहा कि IIIT ऊना एक ऐसा शैक्षिक वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो सतत विकास और शिक्षा में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करता है।

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