डलहौज़ी हलचल (नाहन)कपिल शर्मा : लाधी क्षेत्र रोनहाट में हाटी समुदाय की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें उप हाटी समिति लाधी की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। बैठक की अध्यक्षता पूर्व जिला परिषद चेयरमैन, श्री दलीप चौहान ने की। इस बैठक में 16 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, और कोर्ट में लंबित हाटी मुद्दे को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हरि राम शास्त्री को उप हाटी समिति का अध्यक्ष चुना गया, जबकि अभय धामटा को उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, हरी राम को सचिव, यशपाल शर्मा को सह-सचिव और मोहन छींटा को कोषाध्यक्ष बनाया गया। समिति में लाधी क्षेत्र की 16 पंचायतों से प्रतिनिधि चुने गए हैं, जो हर पंचायत में हाटी परिवारों को जोड़ने का कार्य करेंगे।
हरि राम शास्त्री, जिन्हें राजू शास्त्री के नाम से भी जाना जाता है, ने बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सभा का मुख्य लक्ष्य कोर्ट में चल रहे हाटी मुद्दे की लड़ाई को संगठित रूप से लड़ना है। उन्होंने बताया कि हाटी समुदाय की एकजुटता और सक्रिय भागीदारी से ही यह लड़ाई सफल हो सकती है। इसके लिए फंड एकत्रित करने की भी योजना बनाई गई है, ताकि हाईकोर्ट में चल रहे केस में मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके।
शास्त्री ने कहा कि जब तक हाईकोर्ट में कोई निर्णय नहीं आता, तब तक कोई आंदोलन नहीं किया जाएगा। हर पंचायत में छोटे-छोटे समूह बनाकर चंदा एकत्र किया जाएगा, ताकि लड़ाई के लिए आवश्यक धनराशि जुटाई जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर हाईकोर्ट का फैसला अनुकूल नहीं रहा, तो हाटी समुदाय को और सशक्त किया जाएगा, ताकि यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचाई जा सके।
उप हाटी समिति के सलाहकार, रतन चौहान ने अपने संबोधन में हाटी समुदाय के इतिहास और एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि हाटी समुदाय के पूर्वजों को ‘हाटी’ नाम उनके आराध्य देव शिरगुल महाराज के दिल्ली हाट पर जाने के बाद मिला था। लेकिन आज राजनीतिक लाभ के लिए समुदाय को विभाजित करने का प्रयास किया गया है। चौहान ने कहा कि अब समय आ गया है कि समुदाय अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर आगे बढ़े।
बैठक में भाजपा मंडल अध्यक्ष इंदर ठाकुर, आत्मा राम शर्मा, हीरा सिंह बरफ़ाईक, भवानी दत्त, मान सिंह सिंगटाबीडीसी सदस्य राकेश ठाकुर, लाल सिंह डाहर, कुलदीप छींटा उप प्रधान शिरी क्यारी, गुमान पोजटा, नरेंद्र राणा समेत 16 पंचायतों के सैकड़ों बुद्धिजीवी और युवा उपस्थित थे।