डलहौज़ी हलचल : गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) का पावन त्योहार आज, 7 सितंबर, शनिवार से शुरू हो गया है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलेगा और 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होगा।
पूजा के लिए विशेष समय
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) पर पूजा के लिए विभिन्न शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- प्रातः शुभ मुहूर्त: 7.45 बजे से 9.18 बजे तक
- शुक्र होरा: 10.20 बजे से 11.23 बजे तक
- अभिजित: 11.23 बजे से 12.25 बजे तक
- चर: 12.25 बजे से 1.58 बजे तक
- लाभ: 1.58 बजे से 3.31 बजे तक
- अमृत: 3.31 बजे से 5.04 बजे तक
- लाभ: 6.37 बजे से 8.04 बजे तक
पूजा करने की विधि
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) पर पूजा विधि के प्रमुख कदम निम्नलिखित हैं:
- सुबह की शुरुआत: भगवान गणेश का ध्यान करके और घर की सफाई करके पूजा की शुरुआत करें।
- मंडप सजाना: गणपति की मूर्ति स्थापित करने के लिए मंडप सजाएं। इसमें पुष्प, रंगोली और दीपक का उपयोग करें।
- कलश स्थापना: कलश में गंगाजल, रोली, अक्षत, सिक्के और आम के पत्ते डालकर उसे मंडप में रखें।
- मूर्ति की स्थापना: एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर गणपति की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद तीन बार आचमन करें।
- पूजा और अर्पण: गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं, घी का दीपक जलाएं, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, सुपारी, फल और फूल अर्पित करें। 21 दूर्वा चढ़ाएं और मोदक का भोग लगाएं। अंत में गणेश जी की आरती करें।
Ganesh Chaturthi 2024 पर यदि पूजा न कर सकें
यदि किसी कारणवश पूजा नहीं कर पा रहे हैं, तो पूरे गणेशोत्सव के दौरान गणेशजी के मंत्रों का जाप करके भी पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
गणेश मंत्र
- वक्रतुंड महाकाय:
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
- विघ्नेश्वराय वरदाय:
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
- अमेयाय च हेरंब:
अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः।।