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हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने ड्रेस कोड पर जताया विरोध

Dalhousie Hulchul

डलहौज़ी हलचल (चंबा) :  हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ, इकाई जिला चंबा ने शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए उस पत्र का कड़ा विरोध किया है, जिसमें अध्यापकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की बात की गई है। संघ का कहना है कि विभाग एक तरफ स्वेच्छा से फॉर्मल ड्रेस पहनने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ रंग, कोट, टाई आदि की वैरायटी के साथ फोटो तुरंत भेजने का निर्देश देकर अध्यापकों पर दबाव बना रहा है।

संघ के जिला प्रधान हरिप्रसाद शर्मा, महासचिव सतेंद्र राणा, वित्त सचिव विशाल शर्मा, वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा, उपाध्यक्ष सुरेंद्र मोहन, नारायण सिंह, विनय कुमार और खंड प्रधानों में संजीव कुमार, देशराज, ओम प्रकाश, संदीप शर्मा, मदनलाल, कमलेश कुमार, कासिम्बानी, कुलदीप कुमार, सुरजीत अत्री, अमित कश्यप, राकेश कुमार, पवन कुमार, विजय कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों ने एकमत होकर कहा है कि इस प्रकार की यूनिफॉर्म थोपना स्वीकार्य नहीं है। वे फॉर्मल ड्रेस के विरोध में नहीं हैं, लेकिन यदि यह स्वेच्छा से पहनने की बात है तो निर्णय का अधिकार अध्यापक को दिया जाना चाहिए।

मानसिक बोझ और भत्ते की मांग

संघ पदाधिकारियों ने कहा कि बार-बार पत्र जारी करके इस तरह की सूचनाएं मंगवाना शिक्षकों पर मानसिक बोझ डाल रहा है। संघ ने यह भी तर्क दिया कि यदि विभाग यूनिफॉर्म अनिवार्य कर रहा है, तो अन्य विभागों की तर्ज पर यूनिफॉर्म भत्ता भी दिया जाना चाहिए।

संघ का यह भी कहना है कि यदि कोई निर्देश जारी किया जाता है तो वह सभी अधिकारियों पर समान रूप से लागू होना चाहिए, केवल अध्यापकों को ही लक्षित नहीं किया जाना चाहिए।

मोबाइल ऐप से काम और भत्ता विवाद

संघ ने यह मुद्दा भी उठाया कि वर्तमान में अधिकांश कार्य ऑनलाइन और मोबाइल ऐप के माध्यम से कराए जा रहे हैं, जिसमें सुबह-शाम की हाजिरी भी शामिल है। परंतु, इसके लिए अध्यापकों को कोई मोबाइल भत्ता नहीं दिया जा रहा, जबकि राज्य के अन्य विभागों में ऐसी सुविधा दी जा रही है।

एकजुट रहने की अपील

अंत में, संघ के जिला प्रधान ने चंबा जिले के सभी अध्यापक साथियों से अपील की कि वे एकजुट रहें और विभाग के ऐसे निरंतर प्रयोगों का संगठित होकर विरोध करें। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते विरोध नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी कई इस तरह के निर्णय लागू किए जा सकते हैं।

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