डलहौज़ी हलचल(शिमला): हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया 22 दिनों के विदेश दौरे के बाद मंगलवार को स्वदेश लौट आए। उनके साथ विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा भी लौटे। यह दौरा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, और दक्षिण कोरिया जैसे चार देशों में अध्ययन प्रवास के लिए आयोजित किया गया था।
दौरे की मुख्य विशेषताएं
- 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भागीदारी:
- पठानिया ने सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भाषण दिया।
- इस सम्मेलन में दुनियाभर के प्रमुख वक्ता शामिल थे, और यह उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा।
- भारतीय दूतावासों का दौरा:
- टोक्यो (जापान) और सियोल (दक्षिण कोरिया) स्थित भारतीय दूतावासों का दौरा।
- इन यात्राओं में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक विषयों पर गहन चर्चा की गई।
- दक्षिण कोरिया में भारत के राजदूत से मुलाकात:
- सियोल में भारत के राजदूत अमित कुमार से मुलाकात की।
- दोनों देशों के बीच आर्थिक, वाणिज्यिक, और राजनीतिक संबंधों पर चर्चा हुई।
- राजदूत ने भारत और दक्षिण कोरिया के बीच आयात-निर्यात और मजबूत साझेदारी पर प्रकाश डाला।
- पर्यटन और अध्ययन:
- विधानसभा अध्यक्ष ने पर्यटन की दृष्टि से विकसित और उन्नत स्थलों का दौरा किया।
- इस दौरे से उन्होंने हिमाचल में पर्यटन और प्रशासनिक सुधारों के लिए नई प्रेरणा प्राप्त की।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के विदेश दौरे की उपलब्धियां
- यह दौरा शिक्षाप्रद और व्यवहारिक रहा।
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और हिमाचल प्रदेश की उपस्थिति मजबूत हुई।
- हिमाचल प्रदेश के विकास और वैश्विक मानकों को समझने के लिए नए आयाम खुल सके।
क्या कहते हैं विधानसभा अध्यक्ष
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, “67वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लेना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर संबोधित करना मेरे लिए एक अविस्मरणीय पल था। यह दौरा हिमाचल प्रदेश को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक सिद्ध होगा।”

भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों पर विशेष चर्चा
राजदूत अमित कुमार ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच मजबूत आर्थिक और राजनीतिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह साझेदारी भविष्य में और अधिक प्रगाढ़ होने की उम्मीद है।
विधानसभा अध्यक्ष का यह विदेश दौरा हिमाचल प्रदेश के लिए एक सकारात्मक और प्रभावशाली कदम रहा। अंतरराष्ट्रीय अनुभव और समझ प्रदेश के विकास के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने में सहायक साबित होंगे।