डलहौज़ी हलचल (शिमला) : हिमाचल प्रदेश वेतन संकट (Himachal Pradesh Salary Crisis) के कारण सरकारी कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश के कर्मचारी वेतन के लिए तरस रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि राज्य में कोई आर्थिक संकट (Economic Crisis) नहीं है। अगर ऐसा है, तो कर्मचारियों का वेतन क्यों नहीं आ रहा?
वेतन की देरी से कर्मचारी परेशान
वेतन की देरी के कारण सरकारी कर्मचारी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। घर का किराया, बच्चों की फ़ीस, और लोन की किश्तें (Loan Installments) जैसी जरूरी खर्चों को पूरा करने में मुश्किलें हो रही हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब वेतन नहीं आता, तो कर्मचारी हर फ़ोन कॉल और मैसेज को इस उम्मीद से चेक करते हैं कि शायद वेतन आ गया हो। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, जिससे उनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
लोन और EMI पर पड़ रहा है प्रभाव
कर्मचारी अपने वेतन से ही EMI और लोन की किश्तें भरते हैं। वेतन की देरी के कारण उन्हें न सिर्फ जुर्माने का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) भी प्रभावित हो रहा है। ठाकुर ने कहा कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।
सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे जल्द से जल्द कर्मचारियों का वेतन जारी करने की प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन (Pension) कब तक आएगी।