डलहौज़ी हलचल : शिमला, हिमाचल प्रदेश – भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ द्वारा आज शिमला में आधार (AADHAAR) और इससे जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ यूआईडीएआई, क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ की उप-महानिदेशक भावना गर्ग ने किया।
आधार की महत्वपूर्ण भूमिका
भावना गर्ग ने आधार के उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी और बताया कि आधार पर क्यूआर कोड का उपयोग इसकी प्रमाणिकता की जांच के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश 0-5 वर्ष आयु वर्ग के आधार नामांकन में देश में पहले स्थान पर है। गर्ग ने बच्चों के नामांकन के लिए विभिन्न विभागों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को बाल नामांकन टेबलेट प्रदान करना और स्कूलों को नामांकन किट की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
आधार और कानूनी ढांचा
सचिव प्रियतु मंडल ने कहा कि कानूनी ढांचे को व्यवहारिक कार्यान्वयन रणनीतियों के साथ जोड़कर यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि आधार शासन और जन कल्याण के लिए एक मजबूत उपकरण के रूप में निरंतर अहम भूमिका निभाए।
डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस
निदेशक डिजिटल तकनीक एवं गवर्नेंस डॉ. निपुण जिंदल ने आधार से संबंधित बहुमूल्य विचार साझा किए और अन्य पहलुओं की जानकारी के लिए प्रतिभागियों और यूआईडीएआई का आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला में भागीदारी
इस कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा, यूआईडीएआई के निदेशक जगदीश कुमार, यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के उप निदेशक राणा प्रीत पाल सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला आधार की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है और हिमाचल प्रदेश के 0-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन में राज्य की सफलता को दर्शाती है। आधार के उपयोग को बढ़ावा देने और विभिन्न विभागों के एकीकरण के माध्यम से, राज्य सरकार जन कल्याण और शासन में सुधार करने की दिशा में अग्रसर है।