डलहौज़ी हलचल (शिमला): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में नगर निकायों का पुनर्गठन, विभिन्न कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाना, वृद्धजनों के लिए आयुष्मान भारत योजना का विस्तार, और शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार क्षेत्रों में सुधार की योजनाओं को स्वीकृति दी गई।
मंत्रिमंडल ने तीन नगर परिषदों को नगर निगम और दो नगर पंचायतों को नगर परिषद बनाने को स्वीकृति दी। इसके अलावा, प्रदेश में छह नई नगर पंचायतें बनाने का भी निर्णय लिया गया है। विभिन्न स्थानीय निकायों के दायरे में अतिरिक्त क्षेत्र को समाहित करने का भी फैसला लिया गया।
मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में तैनात मल्टी टास्क वर्करों का मानदेय 4,500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने को मंजूरी दी। इसके साथ ही, 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वृद्धजनों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत वृद्धजनों को पांच लाख रुपये तक का अतिरिक्त टॉप-अप कवर मिलेगा।
प्रदेश में विधवा, एकल नारी और दिव्यांग महिलाओं को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत परित्यक्त बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक योजना का लाभ मिलेगा।
मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना-2023 को लागू करने को मंजूरी दी, जिसके तहत ई-टैक्सी मालिकों को न्यूनतम 50,000 रुपये किराया सुनिश्चित किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 30 पद तथा सहायक स्टाफ के 326 पद सृजित करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, नए पुलिस चौकी के उद्घाटन और सात पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई।
शिक्षा क्षेत्र में, राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, बंदला, बिलासपुर में एम.टेक (इलैक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी) को शुरू करने और राजकीय बहुतकनीकी कॉलेज, हमीरपुर में नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम की शुरुआत का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के पराला में वाइनरी स्थापित करने की स्वीकृति दी, जिससे सेब उत्पादकों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और स्थानीय रोजगार सृजन होगा। इसके अलावा, शिमला शहर में भीड़ कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण कामगार बोर्ड के कार्यालय को हमीरपुर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।