डलहौज़ी हलचल (चंबा) : अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला 2024 की छठी सांस्कृतिक संध्या नाटी किंग कुलदीप शर्मा और काकू राम ठाकुर के नाम रही। इन दोनों कलाकारों ने अपनी बेहतरीन गायकी के जरिए दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं और युवाओं को नाचने पर मजबूर कर दिया।
विशेष अतिथि और सम्मान
इस सांस्कृतिक संध्या में हाईकोर्ट के जस्टिस रंजन शर्मा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। मिंजर मेला कमेटी अध्यक्ष एवं उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने उन्हें शाल और टोपी पहनाकर तथा चंबा थाल भेंट कर सम्मानित किया।
प्राइम टाइम की बेहतरीन प्रस्तुतियां
कुलदीप शर्मा ने प्राइम टाइम में अपने हिट गानों जैसे “शिल्पा शिमले वालिए,” “दुबई वाला टूर,” “रुमतिए,” “घघरा,” “यारों री शादी,” “दरोगा जी,” “पहाड़ी बंदे,” और “प्यारी इंद्रा” से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
काकू राम ठाकुर ने “ऊंची-ऊंची रेहडिय़ां पधर जे चमके,” “फुकया तू,” “मितरा द नां चलदा,” “चिटा तेरा चोला काला डोरा,” “विमलो त रोई-रोई नाले-नाले,” “इश्क द गिद्दा पैंदा,” और “बडियां जो तडक़ा लाणा” गानों से माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया।
बंटी इंदौरिया ने “तू मुंडू कांगड़े द,” “गड्डी मैं चलानी ब्रेक ठेके लाणी,” “हाय कम रिस्की,” “बंदे पहाड़ी,” और “रूमाल निशानी” गानों से दर्शकों का दिल जीत लिया।
अन्य आकर्षक प्रस्तुतियां
सरिता शर्मा, सोनू, जैरी भरमौरी, और गीता भारद्वाज ने भी अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उमेश ने बांसुरी की धुन में “पंख होते हो उड़ जाते रे” बजाया, प्रिंस ने “आवारा मेरा दिल तुझको ही ढूंढता रहता,” नेकों ने “सोण दे महीने,” चमन ने “मैनु यादा तेरियां ओंदी ने,” महेश लाल ने “आजा तुझको पुकारे मेरे गीत,” और अरुण ने “सोणिए जे तेरे नाल दगा मैं करां” गीत गाए।
मंडी के विजय ने “सोंचेंगे तुम्हे प्यार,” गेहरा के रवि ने गेंद से जादू दिखाया, संदीप ने “कितना सोणा तूनू रब नले बनाया,” साहिल ने “हुस्न पहाड़ा द,” निर्मला ने “दिल लैणा दिल दैणा सोदा इको जेहा,” आंचल ने “दिलरूबा है फूलों से कम नहीं,” कियाणी की नितिका ने “शिवा मेरे तेरा वो नुआला हो,” रितिका ने “मैं नहीं जाना तेरे नाल,” भवानी ने “ओ राजा राम सिघां,” सुमित ने “सोंचेंगे तुम्हें प्यार,” राहुल ने रैप सांग, साहिल ने “यह हवाएं,” और दिव्या ने “तेरे रस्के क्वंर” गीतों को गाया।
अजीत भट्ट एंड पार्टी ने पारंपरिक कुंजड़ी मल्हार का गायन किया, जिससे सांस्कृतिक संध्या का समापन हुआ।
इस प्रकार, अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला 2024 की छठी सांस्कृतिक संध्या यादगार बन गई, जिसमें संगीत, नृत्य और मनोरंजन का अद्वितीय संगम देखने को मिला।