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जो बनते हैं चापलूस उनके लिए हमेशा तैयार रखो कारतूस जो बनते हैं खास उनसे मत रखो कोई आस

Dalhousie Hulchul
बिलासपुर
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डलहौज़ी हलचल (बिलासपुर) : गत दिवस कल्याण कला मंच बिलासपुर द्वारा कला – कलम संगोष्ठी का आयोजन बामटा के साकेत होम स्टे ईको गार्डन में किया गया। जिसकी अध्यक्षता मंच के वरिष्ठ सदस्य बुद्धि सिंह चंदेल ने की जबकि मंच संचालन हिमाचल के प्रसिद्ध चित्रकार राकेश मन्हास ने किया।

सर्वप्रथम मां शारदा व काले बाबा की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। प्रसिद्ध शहनाई वादक सूबेदार वीर सिंह चंदेल ने अपने सुरीले शहनाई वादन से और चिंता देवी ने अपने मधुर स्वर से कार्यक्रम में चार चांद लगाए ।

सर्वप्रथम कविता पाठ करने आए सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य जीत राम सुमन की पंक्तियां थीं घरे औणा ता संजुवे अधराति औणा रोब दखाई मां डराणी कदी बापू डराणा , आशा कुमारी ने आए थे जब दुनिया में तुम तो खुशी बहुत मनाई थी , रचना चंदेल ने राजनीति की आंधी , रविंद्र ठाकुर ने नाकाम सी कोशिशें , लेफ्टिनेंट डॉ.जय चंद महलवाल ने जो बनते हैं चापलूस उनके लिए हमेशा तैयार रखो कारतूस जो बनते हैं खास उनसे मत रखो कोई आस , विजय कुमारी सहगल ने घड़ी हूं मैं निरंतर चलती रहती हूं मैं समय के साथ चलना सबको सिखाती हूं मैं , रेखा चंदेल ने मेरा प्यारा हिमाचल देश पहाड़ा

 रा देश , अमर नाथ धीमान ने मैं कहूं या न कहूं तुम अपना फ़र्ज़ निभा जाना पास आकर मेरे तुम अपनी मुहब्बत का इज़हार कर जाना , आशा लाल ने भ्रष्टाचारी बणी गए सारे नेता करदे रोज़ घोटाले कपड़े पैनदे चिट्टे दिल इना रे काले , सूबेदार वीर सिंह चंदेल ने डाडे दिऐ बेडिऐ ओ सौकण तू मेरिऐ , चिंता देवी ने डूग्गी डूग्गी नदियां बड़ी तेज़ धारा ओ

ओ अडया पतणा देया तारूआ , रामपाल डोगरा ने लिखने को तो सब लिखते हैं ,  तृप्ता कौर मुसाफिर ने गुरूओ के प्रसंग , रविंद्र चंदेल कमल ने बड़े छैल पहाड़ा रे माणु कमाई कन्ने खांदे थोडें बिच्च रज्जी जांदे , चंद्रशेखर पंत ने क्या चीज़ आदमी हैं चलता हुआ जादू है , सुरेंद्र सिंह मिन्हास ने यदि फूल पर गिरा पानी इसकी ओंस कहलाता हैं जब ये सीमाएं तोड़ के बहता जग में प्रलय मचा देता पानी, राकेश मन्हास ने मैं रोया परदेश में भीगा मां का प्यार , कार्यक्रम के अध्यक्ष बुद्धि सिंह चंदेल ने कुछ बातें हैं समझाने की ऐसी क्या बिन आईं मौत मर जाने की । अंत में मंच के संयोजक अमरनाथ धीमान ने उपस्थित सभी गणमान्य जनों का आभार व्यक्त किया ।

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है।