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चंबा के 90 सरकारी स्कूलों में शुरू होगा जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम, 12 शिक्षक बने मास्टर ट्रेनर

Dalhousie Hulchul

नीति आयोग, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन और हिमाचल शिक्षा विभाग की संयुक्त पहल

डलहौज़ी हलचल (चंबा) : हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में अब विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक जीवन के जरूरी कौशल भी सिखाए जाएंगे। यह संभव होगा जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से, जिसे नीति आयोग (भारत सरकार) के आकांक्षी जिला कार्यक्रम, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन और हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के सहयोग से लागू किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत जिले के तिस्सा और पांगी ब्लॉक के 90 सरकारी स्कूलों में की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को उन कौशलों से लैस करना है जो उन्हें न केवल अकादमिक रूप से सक्षम बनाएंगे, बल्कि जीवन में आत्मनिर्भर, जागरूक और सामाजिक रूप से प्रभावी नागरिक बनने में भी मदद करेंगे।

सामेती, मशोबरा में हुआ मास्टर ट्रेनरों का विशेष प्रशिक्षण

इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के 12 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में चुना गया, जिन्हें 9 से 13 जून 2025 तक सामेती, मशोबरा (शिमला) में गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण का संचालन मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के विशेषज्ञों द्वारा किया गया, जिसमें शिक्षकों को गतिविधि-आधारित शिक्षण पद्धतियों, विषयवस्तु, और मूल्यांकन विधियों की विस्तृत जानकारी दी गई।

ये शिक्षक करेंगे ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम का संचालन

प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर अब अपने-अपने खंडों में अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे इस जीवन कौशल कार्यक्रम को ज़मीनी स्तर तक सफलतापूर्वक लागू किया जा सके। चयनित शिक्षकों की सूची इस प्रकार है:

  • कल्हेल ब्लॉक: हिमांशु, मान सिंह, बलबीर सिंह, गोविंद
  • तिस्सा ब्लॉक: विनोद, कमलेश, संजीव, मनोज
  • पांगी ब्लॉक: गुरदिता सिंह, बिट्टू राम, पंकज, विपिन कुमार

क्या सिखाए जाएंगे विद्यार्थियों को? जानिए 11 प्रमुख जीवन कौशल

कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को 11 आवश्यक जीवन कौशल सिखाए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:

  1. समस्या समाधान
  2. निर्णय लेने की क्षमता
  3. आत्म-प्रबंधन
  4. रचनात्मकता
  5. सहानुभूति
  6. आत्म-जागरूकता
  7. अनुकूलनशीलता
  8. संवाद कौशल
  9. सहयोग
  10. वार्ता कौशल
  11. आत्मविश्वासपूर्वक अभिव्यक्ति

ये कौशल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास, भावनात्मक स्थिरता, और सामाजिक सहभागिता को मजबूत करेंगे।

स्थायी निगरानी और जिला स्तरीय समर्थन से सुनिश्चित होगी सफलता

कार्यक्रम के अंतर्गत जिला और खंड स्तर पर निगरानी व्यवस्था, तकनीकी सहयोग, और स्थायी मार्गदर्शन की भी व्यवस्था की गई है। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षण न केवल थ्योरी में रहे, बल्कि व्यावहारिक रूप से कक्षाओं में लागू हो और उसका दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव दिखे।

क्या है इस पहल का उद्देश्य?

यह पहल बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ जीवन के लिए तैयार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, समर्थ, और जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, जो आने वाले वर्षों में समाज को दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।

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