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ब्यास नदी पर बनाए गए झूले में फंसी बुजुर्ग महिला के लिए देवदूत बने महेश सिंह

Dalhousie Hulchul
ब्यास नदी

डलहौज़ी हलचल (मंडी) प्रकाश चंद शर्मा : मंडी जिला के कोटली क्षेत्र के कुन के तर में ब्यास नदी पर बने अस्थायी झूले में फंसी एक बुजुर्ग महिला को साहस और तत्परता से बचाया गया। यह घटना रविवार शाम की है जब एक बुजुर्ग महिला नदी के ऊपर झूले में फंस गई। करीब एक घंटे तक महिला झूले में लटकी रही, जिसके बाद कोटली में कार्यरत आईटीआई इंस्ट्रक्टर और जोगिंद्रनगर के भराडू निवासी महेश सिंह ने अपनी जान जोखिम में डालकर उसे सुरक्षित बचाया।

कैसे हुआ रेस्क्यू?

घटना उस समय हुई जब कोटली से एक बस यात्रियों को लेकर कुन के तर पहुंची। वहां देखा गया कि एक बुजुर्ग महिला झूले में फंसी हुई है और दूसरे किनारे पर खड़े दो बुजुर्ग झूले की रस्सियों को खींचने का असफल प्रयास कर रहे हैं। झूला बीच में अटक गया था और महिला फंसी हुई थी।

बस में सवार महेश सिंह ने तुरंत स्थिति को समझा और हिम्मत दिखाते हुए झूले तक पहुंचने का फैसला किया। लोहे की रस्सी की मदद से वह झूले तक पहुंचे और दूसरे छोर पर खड़े लोगों के साथ समन्वय कर झूले को खींचा। इस प्रयास के बाद महिला को सुरक्षित झूले से निकाल लिया गया।

महिला के आंसुओं ने झकझोरा

महेश सिंह ने बताया कि बचाव के दौरान बुजुर्ग महिला का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। घटना के बाद, उन्होंने अन्य यात्रियों को भी झूले की मदद से आर-पार पहुंचाया।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि झूले में फंसने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। कुछ महीने पहले मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस स्थान पर पुल बनाने का वादा किया था और अप्रैल तक काम शुरू करने की बात कही थी। हालांकि, अब तक पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ है।

महेश सिंह की बहादुरी को सराहा

महेश सिंह की बहादुरी और तत्परता की स्थानीय लोगों और यात्रियों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने इस घटना को मानवता का अद्भुत उदाहरण बताया।

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