डलहौज़ी हलचल (मंडी) 4 अगस्त : शनिवार को नागरिक अस्पताल कोटली में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, और जिला रेडक्रॉस सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में संवेदना कार्यक्रम के तहत दिव्यांगता अवलोकन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को उनके निकटतम स्थान पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करना और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था।
शिविर का उद्देश्य और आयोजन
शिविर में दिव्यांगजनों की जांच विशेषज्ञों द्वारा की गई, जिसके आधार पर पात्र व्यक्तियों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए गए। जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने बताया कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए सतत प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी दिव्यांगजन को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र अत्यंत आवश्यक है।
दिव्यांगजनों की जांच और प्रमाण पत्र
शिविर में कुल 71 दिव्यांगजनों की जांच की गई, जिसमें नेत्र रोग से ग्रसित 13, मनोविज्ञान से जुड़ी समस्याओं वाले 2, हड्डी रोग से प्रभावित 27, ईएनटी समस्याओं वाले 9 और चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जांच किए गए 20 लोग शामिल थे। इसके अतिरिक्त, रेडक्रॉस द्वारा एक विशेष पंजीकरण काउंटर भी स्थापित किया गया था, जहां 9 लोगों का पंजीकरण किया गया। इनमें से 1 ने सुनने की मशीन, 1 ने बैसाखी, 6 ने व्हीलचेयर, और 1 ने आंखों के चश्मे के लिए पंजीकरण कराया। संबंधित चिकित्सा उपकरण पात्र रोगियों को शीघ्र ही प्रदान किए जाएंगे।
रेडक्रॉस सोसायटी और अन्य विभागों का योगदान
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा भी 71 लोगों का पंजीकरण किया गया। उन्हें विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और मौके पर ही दिव्यांगता व सामाजिक सुरक्षा पेंशन की औपचारिकताएं पूरी की गईं।
शिविर के दौरान प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, और रेडक्रॉस सोसायटी की टीम ने दिव्यांगजनों के साथ घनिष्ठ संपर्क साधा। उन्हें उनके स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की और उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया।शिविर के दौरान, जोनल अस्पताल मंडी से आए विशेषज्ञों ने विविध प्रकार के दिव्यांगजनों की जांच की। इसमें हड्डी रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, शल्य चिकित्सा, मनोविज्ञान, बाल चिकित्सा, और औषधीय विशेषज्ञ शामिल थे।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में डॉ. रमेश राणा, जिला आयुर्वेद अधिकारी (सेवानिवृत्त), तहसील कल्याण अधिकारी मंडी चंदन गुलेरिया, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. शेखर कपूर, और जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सर्व समन्वयक अमरजीत सिंह शामिल थे।
इस शिविर ने दिव्यांगजनों के उत्थान और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों का यह संयुक्त प्रयास सराहनीय है और आगे भी इस तरह के शिविरों का आयोजन जारी रहेगा, जिससे दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकताओं और अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।