डलहौज़ी हलचल (मंडी) : चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर बीती रात एक बड़ा हादसा टल गया जब नौ मील के पास एचआरटीसी की चलती बस पर पहाड़ी से एक बड़ी चट्टान आ गिरी। सौभाग्य से, चट्टान का केवल एक कोना बस के अगले हिस्से से टकराया, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। इस दुर्घटना में बस में सवार 2-3 यात्रियों को हल्की चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद भेज दिया गया।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, केलांग डिपो की बस मनाली से शिमला जा रही थी। रात करीब साढ़े 11 बजे, जब बस नौ मील के पास पहुंची, उस समय भारी बारिश हो रही थी। नौ मील का यह क्षेत्र पहले से ही स्लाइडिंग प्वाइंट के रूप में जाना जाता है, जहां अक्सर भूस्खलन और चट्टानें गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। जैसे ही बस इस स्लाइडिंग प्वाइंट के पास पहुंची, पहाड़ी से एक बड़ी चट्टान लुढ़कती हुई आई और उसका एक कोना बस के अगले हिस्से से टकरा गया।
यात्रियों की स्थिति:
घटना के समय बस में काफी संख्या में यात्री मौजूद थे। आगे की तरफ बैठे 2-3 यात्रियों को हल्की चोटें आईं। सभी घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद निगम की दूसरी बस के माध्यम से रात को ही शिमला भेज दिया गया। इस घटना के कारण हाईवे करीब एक घंटे तक बाधित रहा, लेकिन उसे रात में ही बहाल कर दिया गया।
फोरलेन निर्माण और सुरक्षा उपाय:
नागचला से पंडोह तक फोरलेन निर्माण में जुटी केएमसी कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पिछली बरसात के दौरान पहाड़ी पर खतरे के रूप में लटके चट्टानें और मलबा हटाने में कंपनी ने समय पर ध्यान नहीं दिया, जिससे अब यह हादसे हो रहे हैं। स्थानीय लोगों में कंपनी प्रबंधन की कार्यप्रणाली को लेकर भारी आक्रोश है।
इस क्षेत्र में भूस्खलन और चट्टानों के गिरने की घटनाओं से निपटने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन और फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनियों को इस दिशा में उचित कार्यवाही करनी चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस घटना ने हाईवे की सुरक्षा और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह आवश्यक है कि भविष्य में इस प्रकार के हादसे न हों, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को ठोस कदम उठाने होंगे। प्रशासन और निर्माण कंपनियों को मिलकर काम करना होगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।