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रेणुका बांध विस्थापित संघर्ष समिति की बैठक: प्रशासन को गंभीरता से उठानी होगी मांगें

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डलहौज़ी हलचल (संगडाह) कपिल शर्मा : रेणुका बांध विस्थापित संघर्ष समिति ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता विजय ठाकुर ने की। इस बैठक में विस्थापितों के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रमुख रूप से, समिति ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर (BOD) की मीटिंग को जल्द से जल्द आयोजित करने की मांग की है। इसका उद्देश्य विस्थापितों की समस्याओं का समाधान निकालना है और प्रशासन को शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है।

लैंडलेस और हाउसलेस परिवारों की सूची तैयार करने की मांग

बैठक में सबसे प्रमुख मुद्दा लैंडलेस और हाउसलेस परिवारों की सूची का तुरंत तैयार होना था। यह सूची यह स्पष्ट करेगी कि कौन से परिवार लैंडलेस हैं और कौन से हाउसलेस। यदि इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो समिति ने चेतावनी दी है कि अगले चरण में आंदोलन का रुख अपनाया जा सकता है, जिससे प्रशासन को गंभीर चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है।

डूब क्षेत्र में रज्जू मार्ग की दयनीय स्थिति

समिति ने डूब क्षेत्र में बने रज्जू मार्ग की खराब स्थिति पर भी चिंता जताई। गिरी नदी में पानी के बढ़ते स्तर के कारण इस मार्ग का उपयोग करना लोगों के लिए खतरनाक हो गया है। समिति ने मांग की है कि इस मार्ग की तत्काल मरम्मत की जाए ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

डूब क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप

बैठक के दौरान, डूब क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए आईटीआई की पढ़ाई हेतु एचपीसीएल द्वारा महीने की फीस और ₹1000 रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान करने का निर्णय लिया गया। यह सहायता विद्यार्थियों के भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

महत्वपूर्ण सदस्य और उनकी भूमिका

इस बैठक में संयोजक पुरानचंद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदन सिंह, महासचिव शुभम, कोषाध्यक्ष सुखचैन ठाकुर, प्रेस सचिव योगी ठाकुर, उपाध्यक्ष कमल, लेखराम, रघुवीर, सीताराम, सुरेंद्र ठाकुर, राजकुमार और सोमदत्त शर्मा जैसे महत्वपूर्ण सदस्य उपस्थित थे।

गौरतलब है कि यह बैठक प्रशासन को स्पष्ट संकेत देती है कि विस्थापितों की समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाना चाहिए। यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो आगामी आंदोलन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन को चाहिए कि वह इन मुद्दों पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाए ताकि किसी भी प्रकार की आन्दोलन से बचा जा सके।