डलहौजी हलचल, धर्मशाला: कांगड़ा जिला में आदर्श सौर ऊर्जा गांव (मॉडल सोलर विलेज) चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बुधवार को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीएलसीसी) की बैठक में इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के 43 पात्र गांवों में से एक गांव को आदर्श सौर ऊर्जा गांव के रूप में विकसित किया जाएगा।
छह माह की प्रतियोगिता, सबसे ज्यादा सोलर इंस्टालेशन पर चयन
उपायुक्त ने बताया कि 43 गांवों में छह माह तक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस अवधि में इन गांवों में बिजली बोर्ड द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सब्सिडी पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। छह माह के दौरान जिस गांव में सबसे ज्यादा सोलर इंस्टालेशन होंगे, उसे मॉडल सोलर विलेज के रूप में चयनित किया जाएगा।
चयनित गांव को हरित ऊर्जा के विस्तार और विकास के लिए एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जाएगी। यह राशि गांव को सौर ऊर्जा आधारित विकास कार्यों के लिए प्रदान की जाएगी।
सोलर पैनल पर सरकारी सब्सिडी
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को उनके घरों की छतों पर 3 किलोवॉट तक के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है।
- 2 किलोवॉट क्षमता तक बेंचमार्क कॉस्ट का 60% (₹33,000 प्रति किलोवॉट) सब्सिडी दी जाएगी।
- अतिरिक्त 1 किलोवॉट पर 40% (₹19,800 प्रति किलोवॉट) सब्सिडी का प्रावधान है।
योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक उपभोक्ता प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य और क्रियान्वयन
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- सौर ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण।
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
- घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा की पहुंच को सुलभ बनाना।
योजना का क्रियान्वयन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद द्वारा किया जा रहा है, जबकि हिम ऊर्जा को इसकी समीक्षा के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
आदर्श सौर ऊर्जा गांव का विकास
चयनित मॉडल सोलर विलेज के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। सरकार द्वारा नामित कार्यान्वयन एजेंसी इस गांव को पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर बनाने का काम करेगी।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद के वरिष्ठ अधिकारी, परियोजना अधिकारी हिम ऊर्जा रमेश ठाकुर, और विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
सरकार की इस पहल का उद्देश्य कांगड़ा जिले में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के साथ हरित ऊर्जा का मॉडल तैयार करना है।