डलहौज़ी हलचल (नाहन ) : हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर (Sirmaur) में डेंगू (Dengue) के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतित कर दिया है। इस सीजन में अब तक जिले में डेंगू के 1300 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिससे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन जिले के अस्पतालों, खासकर मेडिकल कॉलेज नाहन (Medical College Nahan) में डेंगू से पीड़ित मरीजों का आना जारी है।
नाहन (Nahan) शहर में डेंगू का प्रकोप
जिला मुख्यालय नाहन (Nahan) में डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, विशेष रूप से अमरपुर मोहल्ले से, जहां से बड़ी संख्या में मरीज रिपोर्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, लेकिन डेंगू के बढ़ते मामलों ने विभाग के प्रयासों की परीक्षा ली है।
पिछले दो सालों से अधिक मामले
पिछले दो सालों की तुलना में इस बार सिरमौर जिले में अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। सीएमओ सिरमौर (CMO Sirmaur) डॉ. अजय पाठक ने बताया कि जिले में इस साल अब तक 1322 डेंगू के मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि साल 2022 में 852 और 2023 में 1044 मामले दर्ज किए गए थे। इस बार मरीजों की संख्या 2000 तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
साल | डेंगू के मामले |
---|---|
2022 | 852 |
2023 | 1044 |
अब तक कोई गंभीर मामला नहीं
डॉ. अजय पाठक ने कहा, “हालांकि, डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। अब तक जितने भी मरीज आए हैं, उनमें कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं है। ज्यादातर मरीज ओपीडी में दवाई खा रहे हैं और कुछ ही मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। राहत की बात यह है कि जिले में अभी तक किसी भी मरीज की मृत्यु डेंगू के कारण नहीं हुई है।”
रोकथाम के उपाय (Prevention Measures): 20 टीमें कर रही हैं घर-घर जागरूकता
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए 20 टीमें गठित की हैं, जो नाहन शहर में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। इन टीमें ने सप्ताह में एक बार ड्राई डे (Dry Day) आयोजित कर लोगों के घरों में जमा पानी को खाली कराया। इसके अलावा, टीमें यह सुनिश्चित कर रही हैं कि पानी जमा न हो, ताकि मच्छरों का प्रजनन न हो सके।
दर्द नाशक दवाओं से बचने की सलाह
सीएमओ सिरमौर (CMO Sirmaur) डॉ. पाठक ने लोगों को सलाह दी है कि यदि डेंगू का संदेह हो, तो केवल पैरासिटामोल का ही प्रयोग करें और दर्द नाशक दवाओं से बचें। इससे प्लेटलेट्स की कमी होने पर अधिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, “लोगों का सहयोग बेहद जरूरी है, ताकि डेंगू पर काबू पाया जा सके।”
डेंगू (Dengue) के लक्षण और बचाव के उपाय
डॉ. पाठक ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, बदनदर्द, जी मचलना और गंभीर मामलों में नाक-मसूड़ों से खून आना शामिल है। इससे बचाव के लिए घर और आसपास साफ-सफाई रखना, पानी जमा न होने देना, और मच्छर रोधी उपायों का प्रयोग करना आवश्यक है।
उद्योग मंत्री ने दिए रोकथाम के निर्देश
हाल ही में नाहन में संपन्न हुई जिला योजना, विकास एवं 20 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान (Harshvardhan Chauhan) ने स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद नाहन को डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद को फॉगिंग करवाने के लिए भी कहा, ताकि शहर में तेजी से फैल रहे डेंगू को नियंत्रित किया जा सके।