डलहौज़ी हलचल (चंबा): अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिमाचल प्रदेश के प्रांत सह मंत्री भवानी ठाकुर ने चिट्टे के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह नशा हिमाचल प्रदेश में तेजी से पैर पसार रहा है और प्रदेश के युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। उन्होंने इसे समाज के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि देवभूमि की गौरवशाली परंपराओं पर इस नशे का दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
चिट्टे की बढ़ती समस्या
भवानी ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, जो अपनी शांति और संस्कारों के लिए प्रसिद्ध रहा है, अब नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है। विशेष रूप से चिट्टे का नशा युवाओं को तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के युवा, जो भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा के लिए जाने जाते थे, अब नशे की गिरफ्त में फंसकर अपने भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं।
हालात हो रहे गंभीर
उन्होंने खुलासा किया कि पिछले 15 दिनों में हिमाचल प्रदेश में चिट्टे के नशे के कारण तीन युवाओं की जान जा चुकी है। जांच से पता चला कि ये सभी युवा इस नशे की बुरी लत में पड़ चुके थे, जिससे उनकी असमय मृत्यु हुई। यह चिंता का विषय है कि युवा पीढ़ी, जो प्रदेश और देश का भविष्य है, इस नशे की चपेट में आकर अपना जीवन गंवा रही है।
चिट्टा—एक घातक जहर
भवानी ठाकुर ने बताया कि यह नशा व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से अस्थिर बना देता है। इसकी लत लगने के बाद युवा चोरी, लूटपाट, माता-पिता को धमकाने जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। यह समाज को खोखला बना रहा है और कई परिवार इस नशे के कारण बर्बाद हो चुके हैं।
नशे के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ने की अपील
भवानी ठाकुर ने समाज के हर व्यक्ति से अपील की कि वे नशे के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन और सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इसे जड़ से मिटाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हमारी युवा पीढ़ी सुरक्षित रहे और प्रदेश को नशामुक्त बनाया जा सके।